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बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और सामाजिक आंदोलन की शुरुआत गांधी जयंती के अवसर पर कर दी है. बिहार सरकार ने अब बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अपना अभियान छेड़ दिया है.
21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने का ऐलान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्राट अशोक कन्वेंशन हॉल में नवनिर्मित बापू कन्वेंशन हॉल से औपचारिक तौर पर अभियान की शुरुआत की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 21 जनवरी 2018 को बाल विवाह , दहेज प्रथा के समर्थन में मानव श्रृंखला बनाने का ऐलान किया. बता दें कि 21 जनवरी 2017 को बिहार शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला का गवाह बना था. जिसमें 4 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया था.
गांधी मैदान स्थित बापू के नाम पर नवनिर्मित हॉल में महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ औपचारिक तौर पर अभियान की शुरूआत की. कार्यक्रम में नीतीश कुमार के अलावा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी के अलावा बिहार सरकार के आधे दर्जन मंत्री मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जहां लोगों को जागरूक करने के लिए राजधानी पटना से गाड़ियों को रवाना किया वहीं एक ऐप के जरिए भी लोगों को अभियान से जोड़ने की शुरुआत की गई.
चुनाव हारने के डर से शादियों में जाना शुरू किया
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि मैंने दहेज वाली शादी में नहीं जाने का फैसला लिया था. मैं दस-पन्द्रह साल तक अपने परिवार की शादी में भी शामिल नहीं हुआ. लेकिन विधायक बनने के बाद चुनाव हारने के डर से दहेज वाली शादियों में जाना शुरू किया. दहेज और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है.
शराबबंदी महात्मा गांधी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी महात्मा गांधी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है. कुछ लोग शराब को लिबर्टी से जोड़कर देखते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां 39 प्रतिशत बाल विवाह होते हैं. बाल विवाह के कारण कई तरह की समस्याएं और बीमारियां होती हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि दहेज प्रथा के चलते भी बाल विवाह हो रहे हैं. दहेज उत्पीड़न के मामले में बिहार यूपी के बाद दूसरे स्थान पर है. जिस तरह से हम शराबबंदी अभियान चला रहे हैं, उसी तरह दहेज और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार आंदोलन की धरती रही है और बिहार को गौरवशाली इतिहास की ओर ले जाना है. उन्होंने कहा एक साल के भीतर बाल विवाह और दहेज प्रथा में कमी आएगी.
नीतीश कुमार को महिला ने दिया था सुझाव
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा लोकसंवाद कार्यक्रम में एक महिला ने उन्हें इसके बारे में सुझाव दिया था. तब हमने इस पर काम करना शुरू किया. उनका कहना है कि केवल भौतिक परिवर्तन से कुछ नहीं होता जब तक अंदर से परिवर्तन लोगों में न आए.