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जेडीयू के साथ फिर रिश्ते से आरजेडी का इनकार, कहा- संघवादी हो गए

झारखंड के नतीजों के बाद बिहार से आ रहे संकेतों के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने साफ कर दिया है कि अब वह दोबारा जेडीयू के साथ रिश्ता नहीं बनाएगी.

आगामी चुनाव को लेकर आरजेडी का बयान (फाइल फोटो- Aajtak) आगामी चुनाव को लेकर आरजेडी का बयान (फाइल फोटो- Aajtak)
आशुतोष मिश्रा
  • पटना,
  • 30 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

  • आगामी बिहार चुनाव को लेकर आरजेडी का जेडीयू पर बयान
  • मनोज झा ने कहा कि आरजेडी पुरानी गलती नहीं दोहराएगी

झारखंड के नतीजों के बाद बिहार से आ रहे संकेतों के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने साफ कर दिया है कि अब वह दोबारा जेडीयू के साथ रिश्ता नहीं बनाएगी. नीतीश कुमार के करीबी प्रशांत किशोर द्वारा हाल ही में सामने आ रहे बयानों को लेकर एक बार फिर बिहार की राजनीति में कयास उठ रहे हैं.

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कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या जेडीयू, बीजेपी से अलग होने का बहाना खोज रही है, अगर ऐसा है तो क्या बिहार की राजनीति में एक बार फिर बदलाव दिखाई देगा. जैसा कि इतिहास में हो चुका है, जब जेडीयू ने अपने धुर विरोधी आरजेडी के साथ गठबंधन कर भारी बहुमत से सरकार बनाई थी.

हाल ही में प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी के बीच टिकटों का बंटवारा इस आधार पर हो जिसमें जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में हो. जाहिर है जेडीयू अभी से बीजेपी पर दबाव बना रही है. इतना ही नहीं नए नागरिकता कानून को जेडीयू ने भले ही संसद में समर्थन दिया हो, लेकिन वह बाहर एनआरसी का खुलकर विरोध कर रही है.

इतिहास नहीं दोहराएगी आरजेडी

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इन कयासों के बीच यह संभावना भी जताई जा रही है कि क्या जेडीयू एक बार फिर बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव का इतिहास दोहराने की कोशिश में है. अगर ऐसा है भी तो उसकी मंशा को राष्ट्रीय जनता दल ने सिरे से खारिज कर दिया है. आरजेडी के सांसद मनोज झा ने आजतक से बातचीत में कहा है कि आरजेडी बिहार में पुरानी गलती नहीं दोहराएगी.

मनोज झा का कहना है, 'जिन लोगों ने संविधान को तार-तार कर दिया उन लोगों के साथ अगर हम जाते हैं तो बिहार की जनता हमें बिल्कुल माफ नहीं करेगी, जिन्होंने लोहिया के नाम पर बड़े-बड़े बातें कि आज उन्होंने लोहिया को खारिज कर दिया. जो संघ के खिलाफ लड़ने का दम भरते थे वह संघवादी हो गए. ऐसे में उनके साथ जाने का दोबारा सवाल ही नहीं उठता.'

आरजेडी का कहना है कि ये चाहे जैसे भी संकेत दे अब बिहार में 2015 का इतिहास नहीं दोहराया जाएगा. हालांकि, 2015 में भी किसी ने नहीं सोचा था कि आरजेडी और जेडीयू साथ आएंगे, लेकिन यह माना जाता है दोनों को साथ लाने में सबसे बड़ी भूमिका लालू यादव की रही. फिलहाल चारा घोटाले में लालू यादव सजायाफ्ता है और रांची की जेल में बंद हैं. दिलचस्प बात यह है कि झारखंड में अब बल्कि आरजेडी कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठबंधन की नई सरकार का रविवार को ही शपथ ग्रहण हुआ है.

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