
बिहार में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. आंकड़े 20 हजार के पार पहुंच गए हैं. सरकार अच्छी रिकवरी रेट का दावा कर रही है, लेकिन आज से पूरे सूबे में फिर 15 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है.
बिहार में बहार नहीं बल्कि कोरोना का वार है. मामले इस कदर बढ़ रहे हैं कि नीतीश सरकार को पूरे सूबे में 15 दिनों के लिए फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा है. सबसे पहले बिहार में हालात की गंभीरता को समझने के लिए पिछले पांच दिनों के आंकड़े पर नजर डालते हैं. 11 जुलाई को 631 नए मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या थी 14575.
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12 जुलाई को नए 798 नए मरीजों के साथ कुल संख्या 15373 हो गई. 13 जुलाई को 1269 नए मामले सामने आए और कुल आंकड़ा 16642 पर पहुंच गया. 14 जुलाई को 1317 नए मामले सामने आए और कुल आंकड़ा 17 959 पर पहुंचा. 15 जुलाई को 1325 नए मामले सामने आए और कुल आंकड़ा 19284 पर पहुंचा.
कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे दावा कर रहे हैं कि केस जरूर बढ़े हैं, लेकिन चिंता की बात नहीं है. क्योंकि राज्य में कोरोना मरीजों के ठीक होने के दर 70 फीसदी से ज्यादा है.
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कोरोना के चढ़ते ग्राफ खतरे को देखते हुए बिहार में सरकार ने 31 जुलाई तक लॉकडाउन का ऐलान किया है. इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं के अलावा बाकी चीजों खुलने पर पाबंदी रहेगी. लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने की तैयारी पूरी है। जो भी उल्लंघन करता पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कारवाई की जाएगी.
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बिहार में कुदरत की दोहरी मार है. एक तरफ बाढ़ का कोहराम है तो दूसरी ओर कोरोना का वार. सुपौल में भारी बारिश और बाढ़ के कारण कोरोना केयर सेंटर का हाल बेहाल हो गया है. ऐसा ही हाल उत्तर बिहार के ज्यादातर जगहों का है. देखना है कि सुशासन बाबू इन चुनौतियों से कैसे निपटते हैं.