Advertisement

कोरोना मरीज ने मांगा तकिया, अस्पताल बोला- बेड मिल गया वही बहुत है

जब बिहार के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है, वहां के अस्पतालों की बदहाली की तस्वीरें सामने आ रही है. आजतक ने कल आधी रात को पटना के सबसे बड़े कोविड अस्पताल नालंदा एमसीएच का रियल्टी चेक किया.

पटना स्थित नालंदा हॉस्पिटल (फोटो-PTI) पटना स्थित नालंदा हॉस्पिटल (फोटो-PTI)
अंकित त्‍यागी
  • पटना,
  • 21 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST

  • पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज का हाल बेहाल
  • हॉस्पिटल में बदहाली का आलम, मरीज परेशान

बिहार बाढ़ के साथ कोरोना की मार से बेहाल है. जब बिहार के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है, वहां के अस्पतालों की बदहाली की तस्वीरें सामने आ रही है. आजतक संवाददाता अंकित त्यागी कल आधी रात को पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज गए. वहां जो बदहाली का मंजर दिखा, उसे देख आप हैरान रह जाएंगे.

Advertisement

पटना के सबसे बड़े कोविड अस्पताल एनएमसीएच की बदहाली बिहार के लोगों के लिए परेशान करने वाली है. अंजलि कुमारी के पति बड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह वॉर्ड में जगह पा गए, लेकिन वहां का जो हाल उन्होंने देखा वो कम डराने वाला नहीं था. मरीज के बगल में ही डेड बॉडी पड़ी हुई थी.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

अंजलि कुमारी का कहना है कि वार्ड के अंदर एक डेड बॉडी पड़ी है. मृतक का बेटा सुबह से हॉस्पिटल के बाहर बेहोशी के हालत में पड़ा है. इस वजह वार्ड के और मरीज भी परेशान हो जाएंगे. अस्पताल की बदहाली मरीजों के तीमारदारों को निराश कर रही है. गुस्सा अस्पताल पर कम सिस्टम पर ज्यादा निकल रहा.

आप यहां लोगों को जितना कुरेदेंगे उतनी भयानक सच्चाई सामने आएगी. लोगों को खुद अपने मरीजों को सुई देना पड़ रहा है. एक तीमारदार का कहना है कि एक मरीज सुई न लग पाने के कारण मर गया, जबकि वह खुद सुई लगवाने गया था. ऑक्सीजन सिलेंडर लेने खुद मरीजों को जाना पड़ता है.

Advertisement

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

अंजलि कुमारी से जब पूछा गया कि देर रात आप कहां जाएंगी, तो उन्होंने कहा कि कहां जाएंगे, यही रहेंगे. मरीज को अकेले नहीं छोड़ सकते हैं, यहां तो खुद ही सुई लगानी पड़ रही है. अंजलि ने कहा कि जब मैंने मेडिकल स्टाफ से कहा कि एक तकिया मिल सकता है क्या, तो मेडिकल स्टाफ ने कहा कि बेड मिल गया, वह ही बहुत है.

मरीजों के घरवालों की अपनी समस्या है तो मेडिकल स्टाफ की अपनी. उनके मुताबिक दिक्कत सिस्टम में है और गुस्सा उन्हें झेलना पड़ता है. एक मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वेंटिलेटर खराब पड़ा है. हम लोगों को समझा रहे हैं. नॉर्मल मरीज को भर्ती कर सकते हैं, लेकिन सीरियस मरीज को नहीं भर्ती कर सकते हैं.

AIIMS में COVAXIN का ट्रायल, डॉ गुलेरिया बोले, 2-3 महीने में मिलेंगे रिजल्ट

बिहार में अस्पतालों की बदहाली की लगातार तस्वीरें आ रही हैं. कोई ऑक्सीजन या बेड के लिए ही नहीं बल्कि लोग कोरोना टेस्ट रिपोर्ट तक के लिए भटक रहे हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अब तक कोरोना के 27646 केस आ चुके हैं. इनमें 17433 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 217 की मौत हो चुकी है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement