
बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है. चुनावी साल की शुरुआत होते ही राजनीतिक दलों में पोस्टर वॉर की शुरुआत भी हो गई है. राजधानी पटना में गुरुवार को जनता दल यूनियन की ओर से पोस्टर चस्पा किया गया जिसपर लिखा है ‘हिसाब दो, हिसाब लो’. इसमें नीतीश राज की तुलना लालू राज से की गई है.
पोस्टर में देखा जा सकता है कि नीतीश कुमार वाली तरफ विकास की तस्वीर को दिखाया गया है, तो वहीं लालू यादव और राबड़ी देवी के राज की तुलना जंगलराज से की गई है. पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर ‘हिसाब दो, हिसाब लो, 15 साल बनाम 15 साल’ के पोस्टर लगाए गए हैं.
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव वाला साल आते ही बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. इस पोस्टर में नीतीश कुमार सरकार के 15 साल (जिनमें जीतन राम मांझी का एक साल भी शामिल है) की तुलना, लालू-राबड़ी देवी सरकार के कार्यकाल से हुई है.
बिहार में 2015 में जो विधानसभा चुनाव हुए थे, उसमें जेडीयू-राजद ने एक साथ चुनाव लड़ा था. लेकिन दो साल के अंतर्गत ही दोनों का साथ छूट गया और जेडीयू भारतीय जनता पार्टी के साथ आ गई. हालांकि, बीते कुछ दिनों से बीजेपी-जेडीयू के गठबंधन में भी तकरार की खबरें आ रही हैं.
CAA-NCR के मुद्दे पर जारी है तकरार
जनता दल यूनियन के उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और भाजपा नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों से जुबानी जंग जारी है. प्रशांत किशोर खुलकर CAA, NRC के खिलाफ बोल रहे हैं. पहले जदयू ने संसद में CAA का समर्थन किया, लेकिन पीके के विरोध के बाद नीतीश कुमार ने एनआरसी को बिहार में लागू करने से इनकार कर दिया.
इसके बाद पीके और सुशील मोदी के बीच लगातार ट्विटर पर बयानबाजी हुई. जिसके बाद दोनों दलों के बीच अनबन की खबरें तेज होने लगीं. हालांकि, बीजेपी साफ कर चुकी है कि बिहार में एनडीए नीतीश कुमार की अगुवाई में ही चुनाव लड़ेगा.