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मुजफ्फरपुर में रजवाड़ा बांध टूटा, कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी

प्रभावित लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रवाना की गई और तकरीबन एक हजार लोगों को बचा कर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया. जिस वक्त रजवाड़ा बांध टूटा उस वक़्त रात का समय था और लोग अपने घरों में सो रहे थे जिसकी वजह से उन्हें अपने घरों से निकलने का मौका भी नहीं मिला.

राहत कार्य में जुटा प्रशासन राहत कार्य में जुटा प्रशासन
रोहित कुमार सिंह
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  • 21 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST

बिहार में बाढ़ के हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं. नेपाल से लगे इलाकों की सभी नदियां उफान पर है जिसकी वजह से नदियों पर काफी दबाव है और इसी वजह से तटबंध भी टूटते जा रहे हैं. रविवार को मुजफ्फरपुर के मुसहरी प्रखंड में स्थित रजवाड़ा तटबंध उस वक्त टूट गया जब बूढ़ी गंडक नदी उफान पर थी और खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. इसी पानी के दबाव की वजह से रजवाड़ा तटबंध टूट गया है और बाढ़ का पानी कई दर्जनों गांव में घुस गया.

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बांध टूटने की खबर मिलने के बाद तुरंत स्थानीय प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचे और बांध की मरम्मत का काम शुरु करवाया गया. मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह खुद अपनी निगरानी में बांध की मरम्मत का काम देख रहे थे.

गौरतलब है कि रजवाड़ा बांध पहले लगभग 20 फीट टूटा था जिसकी वजह से पानी का इतना तेज बहाव हुआ कि यह चौड़ाई बढ़कर 150 फीट पहुंच गई. स्थानीय प्रशासन ने सबसे पहले उन इलाकों को खाली कराया जहां बाढ़ का पानी घुसा था. वहां से प्रभावित लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रवाना की गई और तकरीबन एक हजार लोगों को बचा कर सुरक्षित स्थानों पर लाया गया. जिस वक्त रजवाड़ा बांध टूटा उस वक़्त रात का समय था और लोग अपने घरों में सो रहे थे जिसकी वजह से उन्हें अपने घरों से निकलने का मौका भी नहीं मिला.

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जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि बूढ़ी गंडक नदी जो भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है वह कई जगहों पर अब भी बांध पर दबाव बना रही है जिससे कि बांध के अन्य जगहों से टूटने का खतरा बरकरार है और प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि बांध को टूटने से बचाया जा सके.

 

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