
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने पटना और बरौनी में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद की गंगा जल जांच के लिए दो प्रयोगशालाओं के सृदृढ़ीकरण को मंजूरी दी है. इसके लिए 10.91 करोड़ की स्वीकृति दी गई है.
इसके अलावा नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ ने वर्षों से अटकी कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी के अंतर्गत अकबरपुर से अधौरा (55 किमी) तथा भीमबांध वन्य प्राणी आश्रयणी के तहत कुण्डास्थान से भीम बांध (10 किमी) तक की सड़कों के सभी मौसमों के लिए निर्माण व कालीकरण की मंजूरी दे दी है. वन क्षेत्र में होने के कारण पहले इन सड़कों के कालीकरण की अनुमति नहीं थी. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन का आभार जताया है.
बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री मोदी ने कहा कि गंगा व उसकी सहायक नदियों के पानी में प्रदूषण की जांच की अब तक कोई माकूल व्यवस्था नहीं थी. केंद्र सरकार ने पटना व बरौनी में दो जांच प्रयोगशालाओं के उपकरण, रसायन, संचालन व कर्मियों के मद में 10.91 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. अगले छह महीने में इन दोनों प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ कर कार्यशील कर दिया जायेगा.
उन्होंने पटना में कहा कि कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी के अन्तर्गत अकबरपुर (रोहतास) से अधौरा (कैमूर पहाड़ी) तक सड़क की कुल लंबाई 55.15 किलोमीटर है जिसमें आश्रयणी के अंदर 39.48 किमी सड़क का कालीकरण होगा.
इससे दूरस्थ बसे 21 गांवों की 35 बस्तियों के आदिवासी व अन्य लोगों को जहां आवागमन की सुविधा मिलेगी वहीं प्रशासन को भी उग्रवाद को नियंत्रित करने में सहूलियत होगी. इसी प्रकार प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भीमबांध व कुण्डास्थान (तीन जिलों मुंगेर, जमुई और लखीसराय) के बीच वन क्षेत्र में 10 किमी सड़क के कालीकरण से इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास को गति मिलेगी.