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बिहार में बच्चों को परोसने से पहले प्रिंसिपल और रसोइए चखेंगे मिड-डे मील

बिहार शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपल और मिड-डे मिल के रसोइए को निर्देश दिया है कि छात्रों को भोजन परोसने से पहले इसे चख कर जांच कर लें.

लालू प्रसाद यादव लालू प्रसाद यादव
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2013,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

बिहार शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्रिंसिपल और मिड-डे मिल के रसोइए को निर्देश दिया है कि छात्रों को भोजन परोसने से पहले उसे चखकर जांच की जाए. साथ ही स्टोर के पास किसी तरह का कीटनाशक ना रखें.

इस संबंध में राज्य के सभी समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि सभी स्कूल इस निर्देश का कड़ाई से पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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उधर, बिहार में मिड-डे मील से हुई बच्चों की मौत पर राजनीति तेज हो गई है. विपक्षी पार्टियों ने राज्य के शिक्षा मंत्री पी के शाही के बयान का विरोध किया है. बुधवार को पी के शाही ने साजिश की आशंका जताते हुए कहा था कि खाने में ऑर्गेनिक फॉस्फोरस नामक जहरीला कीटनाशक पाया गया है.

शाही ने इस बात का भी खुलासा किया है कि स्कूल की प्रिंसिपल मीना कुमारी के पति का एक राजनीतिक पार्टी से गहरा संबंध हैं और उसकी नियुक्ति भी राजनीतिक दबाव में हुई थी. खाने का सारा सामान स्कूल की प्रिंसिपल मीना कुमारी के पति के दुकान से आया था.

शाही के इस आरोप के बाद दो सियासी दलों जेडीयू और आरजेडी के बीच ऐसा घमासान शुरू हो गया है, जिसमें तमाम मर्यादाएं टूटने लगी है. आरजेडी ने पलटवार करते हुए नीतीश सरकार के मंत्रियों पर आरोप लगाया है कि नीतीश के कई मंत्री खुद मिड डे मील में सप्लाई करने का धंधा करते है. आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने आरोप लगाया कि मिड-डे मील स्कीम को लेकर सरकार और एनजीओ के बीच सांठगांठ है.

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आरजेडी के मुताबिक जेडीयू के कुछ नेता एनजीओ बनाकर कई जिलों में मिड-डे-मील का धंधा कर रहे हैं. आरजेडी के मुताबिक नीतीश कुमार खुद पर लगे आरोपों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उनकी  पार्टी पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं.

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