
बिहार के आईएएस ऑफिसर केके पाठक ने राज्य सरकार को कहा है कि उन्हें उत्पाद विभाग से किसी दूसरे विभाग में भेज दिया जाए. केके पाठक बिहार उत्पाद विभाग में सचिव हैं. कड़क मिजाज वाले इस आईएएस ऑफिस ने इसका कारण तो नहीं बताया नहीं स्पष्ट किया, पर माना जा रहा है कि नालंदा में जनता दल यूनाइटेड के नेता के घर शराब बरामदगी के बाद उत्पाद विभाग के सब इस्पेंक्टर दीपक कुमार पर एफआईआर कर जेल भेजने के बाद से केके पाठक नाराज चल रहे हैं और पिछले बुधवार से ऑफिस भी नहीं जा रहे हैं.
अब उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार किसी और को उत्पाद सचिव बनाकर उन्हें किसी दूसरे विभाग में शिफ्ट करे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यही कारण है जिसकी वजह से केके पाठक उत्पाद विभाग में नही रहना चाहते हैं. केके पाठक ने सुशील कुमार मोदी को उनपर की गई टिप्पणी करने के कारण मोदी को कानूनी नोटिस भी भेजा था लेकिन इसके बावजूद मोदी ने कहा केके पाठक की ईमानदारी पर कोई शक नहीं कर सकता.
मोदी ने कहा कि जिस तरीके से जेडीयू के नेता चन्द्रजीत सेन को बचाने के लिए सरकार ने पक्षपात कर नालंदा के डीएम एसपी से जांच करवाया और मन मुताबिक जांच रिपोर्ट बनवा कर उत्पाद विभाग के सब इंस्पेक्टर और एक मुखिया को जेल भिजवाया इससे केके पाठक आहत थे. हालांकि बिहार शरीफ कोर्ट ने सब इंस्पेक्टर और पूर्व मुखिया को जमानत पर तो छोड़ दिया. लेकिन जिस जेडीयू के नेता को छुड़ाने के लिए राज्य सरकार लगी थी उसे जमानत नहीं दी.
केके पाठक ने दफ्तर जान कर दिया है बंद
इससे नाराज होकर केके पाठक छुट्टी पर चले गए. उन्होंने अपनी छुट्टी 10 दिन और बढ़ा ली है. उत्पाद सचिव पाठक ने नालंदा के उत्पाद अधीक्षक को पत्र लिख कर कहा था कि सब इंस्पेक्टर दीपक फोन पर अपने सूचक समरेंद्र कुमार सिंह से संपर्क करता है तो इससे ये सिद्ध नहीं होता कि उसने चन्द्रजीत सेन को फंसाया है. दीपक ने जो काम किया वो स्वाभाविक है. उसके बाद से केके पाठक ने दफ्तर आना बंद कर दिया था. माना जा रहा है कि नए विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद ही वो काम पर लौटेंगे. केके पाठक ने बिहार में शराबबंदी कराने में काफी सख्त रूख अपनाया था. शराबबंदी के नए कानून बनाने में भी अहम भूमिका निभाई थी.