
बिहार में कोरोना वायरस के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. हर रोज केस की संख्या बढ़ रही है, साथ ही अस्पताल में सुविधाओं का ना होना मरीजों के लिए मुश्किल बन रहा है. भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज-अस्पताल की हालत भयावह हो चली है. ये अस्पताल राज्य के कोविड स्पेशल अस्पताल में शामिल है. यहां एक परिवार मरीज को डॉक्टर की सलाह के खिलाफ जाकर अस्पताल से दूर ले गया, जिसके कारण मरीज की मौत हो गई.
भागलपुर के इस अस्पताल में कुल 800 बेड हैं, लेकिन अस्पताल में इलाज करने के लिए डॉक्टरों और स्टाफ की कमी है. इस बीच यहां एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, डॉक्टरों का कहना है कि एक परिवार अपने मरीज को तीसरे फ्लोर पर मौजूद ICU से बाहर खींच कर ले आया और कहा कि मरीज को खुली हवा की जरूरत थी. डॉक्टरों ने इसका विरोध किया, लेकिन मरीज के परिवार ने एक ना सुनी.
इस लापरवाही के बाद मरीज की मौत हो गई. ये पूरा मामला 19 जुलाई का है लेकिन अब वीडियो वायरल होने की वजह से एक बार फिर चर्चा में है. मरीज की मौत उस वक्त हुई जब उसे कटिहार लाया जा रहा था. डॉक्टरों की सलाह के खिलाफ परिवार मरीज को अलग ले जा रहा था. परिवार का आरोप था कि अस्पताल में ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा है.
मरीज बेहाल-अस्पताल बदहाल, कोरोना पर बोले बिहार के स्वास्थ्य मंत्री- सबकुछ ठीक है
एक वीडियो बनाकर डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि मरीज को ICU बेड और ऑक्सीजन ट्रॉली के साथ ही खींच लाया गया, इस दौरान किसी ने मास्क नहीं पहना था. जब डॉक्टरों ने रोका तो उन्हें धमकाना जाने लगा. जब डॉक्टरों को मरीज ICU में नहीं मिला तो उन्होंने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवाई.
डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीज इलाज में सहायता नहीं करेंगे, तो फिर कोरोना से मुकाबला कैसे किया जाएगा. आपको बता दें कि ये बिहार के सिर्फ एक अस्पताल की तस्वीर नहीं है, बल्कि कई अस्पतालों में ऐसा ही हो रहा है. फिर चाहे वो भागलपुर हो या फिर राजधानी पटना.
राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) में भी बदहाली की तस्वीरें सामने आई थीं. जबतक ने इसपर खबर दिखाई तो तुरंत स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे अस्पताल के दौरे पर पहुंच गए और दावा किया कि सबकुछ ठीक है.