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छत्तीसगढ़ बोर्ड: 10वीं-12वीं में पास कराने के लिए परिजनों को आ रहे फोन

दरअसल दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं का रिजल्ट आने में अब चंद दिन ही बाकी हैं. इन परीक्षाओं का मूल्यांकन अपने अंतिम दौर पर है. इस बीच बोर्ड परीक्षाओं के सैकड़ों छात्रों और उनके अभिभावकों को फोन आने लगा है.

अफसर या कर्मचारी द्वारा डेटा लीक करने का शक अफसर या कर्मचारी द्वारा डेटा लीक करने का शक
परमीता शर्मा/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 01 मई 2018,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

बिहार, झारखण्ड और वहां के बैंकिंग फ्रॉड से जुड़े बदमाशों और जामताड़ा गिरोह ने लोगों को ठगने के लिए नए नुस्खों को आजमाना शुरू कर दिया है. उनकी तिकड़मबाजी से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अफसर हैरत में हैं. उन्हें सार्वजनिक तौर पर पालकों और अभिभावकों को सफाई देनी पड़ रही है कि दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं में किसी भी तरह से लेन-देन नहीं किया जा रहा है. फेल छात्रों को पास कराने के लिए आने वाले किसी भी फोन कॉल से वे सतर्क रहें और फोन करने वाले शख्स की सूचना थाने में दर्ज करवाएं.

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दरअसल दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं का रिजल्ट आने में कुछ ही दिन बाकी हैं. इन परीक्षाओं का मूल्यांकन अपने अंतिम दौर पर है. इस बीच बोर्ड परीक्षाओं के सैकड़ों छात्रों और उनके अभिभावकों को फोन आने लगे हैं. इस कॉल में उन्हें बताया जा रहा है कि छात्र एक या दो विषयों में फेल हो गया है और उसे पास कराने के लिए प्रति विषय दस हजार रुपये जमा कर दें. यदि वे अपने बच्चे को प्रथम श्रेणी में पास कराना चाहते हैं, तो वे 50 हजार रुपये उनके अकाउंट में डलवाएं.

झांसे में आने के बाद फोन करने वाला शख्स उन्हें अपना अकाउंट नंबर तक दे रहा है. सैकड़ों छात्रों को आए इस फोन कॉल से माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर के अफसरों की नींद उड़ गई है. इससे माध्यमिक शिक्षा मंडल की साख पर भी बट्टा लग रहा है, लिहाजा माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव ने छात्रों और पालको से अपील की है कि वे फोन करने वाले व्यक्तियों के झांसे में ना आएं. हैरत की बात यह है कि फोन करने वाले गिरोहबाजों को आखिर कैसे पालकों के फोन नंबर और छात्रों के नाम के बारे में जानकारी मिल रही है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के किसी ना किसी अफसर या कर्मचारी ने डेटा लीक किया है जिसमें छात्रों की परीक्षा संबंधी जानकारी एवं पता ठिकाने से जुड़ा ब्यौरा रहता है.

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छत्तीसगढ़ के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं में पास कराने को लेकर मुंह मांगी रकम देने को पालक तैयार भी हो गए क्योंकि अभिभावकों को फोन करने वाले शख्स ने कई सटीक जानकारी दी थी. ऐसे में उन्हें यह यकीन हो गया कि उनके बच्चों का रिजल्ट खराब रहने वाला है जिसके चलते वो दिए पैसे देने तक के लिए तैयार हो गए. इस बीच कई पालकों ने फोन कॉल से संबंधित शिकायतें शिक्षा विभाग के अफसरों और माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रभारी केंद्र अध्यक्षों के पास दर्ज कराईं.

एक अभिभावक ने बिहार के पुनिया जिले से मुकेश राय नामक व्यक्ति के बारे में लिखित शिकायत बोर्ड दफ्तर में दर्ज करवाई. ट्रू-कॉलर के जरिए फोन कॉल करने वाले शख्स के नाम की जानकारी मिली. इस शख्स ने गणित और विज्ञान विषय में छात्र के फेल होने की सूचना दी थी. साथ ही पास करने के लिए रुपयों की मांग भी की. बातचीत होने पर उसने अपना अकाउंट नंबर भी दिया था. गरियाबंद जिले से 27 अभिभावकों ने फोन कॉल की शिकायत की. दंतेवाड़ा जिले के बचेली से पांच, जगदलपुर से 26, बालोद से 8, दुर्ग से 22, रायपुर से 17, कवर्धा से 34 और बिलासपुर से 46 अभिभावकों ने स्कूल के प्राचार्यों और माध्यमिक शिक्षा मंडल के प्रभारियों को अपनी शिकायतें दर्ज करवाई हैं.

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उधर माध्यमिक शिक्षा मंडल के उप-सचिव संजय शर्मा ने छात्रों और अभिभावकों को ऐसे फर्जी कॉल से बचने की सलाह दी है. उन्होंने अंदेशा जाहिर किया है कि किसी साइबर कैफे से डेटा लीक हुआ है. उन्होंने बताया कि परीक्षा पूर्व प्रदेश के सभी स्कूलों को छात्रों का रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द शिक्षा मंडल की साइट पर अपलोड करने के लिए कहा गया था. इस दौरान कई स्कूलों में इंटरनेट सर्वर काम नहीं कर रहा था. इसलिए वहां के शिक्षकों और प्रिंसिपल ने निजी साइबर कैफे से ऑनलाइन डाटा उपलोड किया था. संभव है ऐसे किसी साइबर कैफे से जानकारी लीक हुई हो. माध्यमिक शिक्षा मंडल अभिभवकों के जरिये पुलिस में शिकायत दर्ज करने की तैयारी कर रहा है. फिलहाल पुलिस के पास किसी भी अभिभावक ने  लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है, हालांकि पुलिस को अंदेशा है कि जामताड़ा गिरोह और बैंकिंग फ्रॉड से जुड़े बदमाश इस तरह से ठगी का प्रयास कर रहे हैं.

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