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शिवानंद तिवारी बोले- लोकतंत्र का पाठ पढ़ें सुशील मोदी

शिवानंद तिवारी ने कहा कि जोकिहाट में एक और परीक्षा होने वाली है. जेडीयू-बीजेपी के दर्जनों मंत्री और नेता वहां कैंप कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भी विकास का हवाला देकर वोट मांग आए हैं.

शिवानंद तिवारी शिवानंद तिवारी
सुजीत झा/वरुण शैलेश
  • पटना,
  • 25 मई 2018,
  • अपडेटेड 7:32 PM IST

बिहार में जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर बढ़ता जा रहा है. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी लोकतंत्र का मूल पाठ ही भूल गए हैं.

शिवानंद तिवारी ने कहा, ''जोकीहाट उपचुनाव में फैसला हो जाएगा कि किसका मुंह छोटा है और किसका बड़ा. उन्होंने बयान जारी कर कहा, ''लोकतंत्र में कोई मुंह छोटा या कोई बड़ा नहीं होता है. सब मुंह बराबर होता है. लोकतंत्र का यही पहला पाठ है. इसलिए सुशील मोदी जब तेजस्वी के लिए छोटी मुंह बड़ी बात कहते हैं तो लगता है कि लोकतंत्र का पहला पाठ ही वे भूल गए हैं.''

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आरजेडी नेता ने कहा, ''विधानसभा के 2015 के चुनाव में तेजस्वी के गठबंधन को बहुमत मिला था. उनका दल आरजेडी बिहार विधानसभा में सबसे बड़ा दल बना. उस जनादेश के अनुसार सरकार में तेजस्वी उप मुख्यमंत्री बने. लेकिन विधानसभा के उसी चुनाव में पराजित सुशील मोदी आज उप मुख्यमंत्री कैसे बने हुए हैं? पिछले दरवाज़े से उप मुख्यमंत्री बनने वाला चुनाव लड़कर जनता के बीच से आने वाले तेजस्वी के मुंह को छोटा कैसे बता रहा है?''

शिवानंद तिवारी ने कहा कि जोकीहाट में एक और परीक्षा होने वाली है. जेडीयू-बीजेपी के दर्जनों मंत्री और नेता वहां कैंप कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भी विकास का हवाला देकर वोट मांग आए हैं.

नीतीश कुमार की परीक्षा

बता दें कि जदयू ने जोकीहाट में मुर्शीद आलम को अपना प्रत्याशी बनाया है. इनका सीधा मुकाबला आरजेडी के शाहनवाज आलम से है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं. मो. तस्लीमुद्दीन के निधन के कारण रिक्त हुई अररिया लोकसभा सीट से पिछले दिनों उनके दूसरे पुत्र सरफराज आलम आरजेडी के टिकट पर जीते हैं. सरफराज आलम पहले जदयू में थे, और जोकीहाट से विधायक थे.

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जोकीहाट उपचुनाव जदयू के लिए बहुत अहम है. महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद यह दूसरा मौका है जब पार्टी चुनाव का सामना कर रही है. पिछले दिनों जहानाबाद में हुए उपचुनाव में जदयू को हार का सामना करना पड़ा था. जोकीहाट सीट पर अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अधिक है.

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