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भारतीय जनता पार्टी के रथ को रोकने के लिए बीस साल बाद एक दूसरे का दामन
थामने वाले नीतीश कुमार और लालू यादव सोमवार को एक मंच पर नजर आए. आज से इन
दोनों ने साथ साथ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया. बिहार की दस सीटों पर होने
वाले उपचुनावों मे बीजेपी को धूल चटाने और अपने
को चमकाने के लिए इन दोनों नेताओं ने हाजीपुर में जमकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा.
बिहार के पूर्व सीएम नीतीश कुमार ने हाजीपुर में कहा कि कुछ लोगों पर
सत्ता का नशा चढ़ गया है और उसे उतारने के लिए हम लोग साथ आएं हैं. नीतीश
ने कहा कि देश किस तरह चल रहा है आप सब देख रहे हैं. प्रचार किया गया कि
अच्छे दिन आने वाले हैं और आप सबके सामने हैं कि आखिर कैसे अच्छे दिन आ
गए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि
अफवाहें फैलाकर वोट बटोरे गए हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि वक्त की पुकार है, इसलिए हम लोग एकजुट हो गए हैं. इस समय पूरे देश का भगवाकरण करने की कोशिश की जा रही है. समाज को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है. हम सभी मिलकर बीजेपी के इरादों को असफल करेंगे. नीतीश ने कहा कि दिल्ली में इस समय उनकी सरकार है, जिनके पुरखे जेल नहीं गए.
खुद को और नीतीश कुमार को एक ही परिवार का बताते हुए लालू यादव ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस समय देश गलत हाथों में चला गया है. मोदी के शपथ लेते ही देश में अशुभ हो गया है. मोदी जहां-जहां गए, वहां-वहां अशुभ हुआ. मोदी के नेपाल जाते ही वहां भी अशुभ हो गया. चट्टानें गिरनी लगीं. उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों को सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं. मोदी के वादों पर तंज कसते हुए लालू ने कहा कि यदि आप पूरे भारत का बजट भी झोंक देंगे तो भी यहां शंघाई जैसा कुछ भी नहीं बन सकता.
कमंडल के खिलाफ मंडल का नारा देते हुए लालू यादव ने कहा कि मोदी का महंगाई और भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा पूरी तरह से बकवास साबित हुआ. बीजेपी का सफाया करने के लिए लालू यादव ने बसपा सप्रीमो मायावती और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से हाथ मिलाने की अपील की.
लालू और नीतीश शाम चार बजे मोहिउद्दीननगर में दूसरी रैली को संबोधित करेंगे. 17 अगस्त को दोनों नेता फिर मंच पर साथ होंगे. वे नरकटियागंज, छपरा और मोहनिया में महागठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने का आग्रह करेंगे. उस दिन लालू और नीतीश साथ-साथ हेलीकॉप्टर से जाएंगे.
सिर्फ 2500 लोग ही जुटे
दो बड़े दिग्गजों नीतीश कुमार और लालू यादव की हाजीपुर सभा में जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसी भीड़ नहीं जुटी. बताया जाता है कि बिहार के इन दोनों दिग्गजों को सुनने के लिए तकरीबन 2500 लोग ही जमा हुए. कुल मिलाकर राजनैतिक विश्लेषक बीस साल बाद इनके मिलन पर आयोजित शो को फ्लॉप बता रहे हैं पर उनका यह भी कहना है कि लोगों के न जुटने का असर इन पर नहीं हुआ. और ये दोनों नेता अपने तरकश से एक एक तीर धमक के साथ निकालते रहे.
गौरतलब है कि एक दौर में लालू और नीतीश ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर राजनीति की थी लेकिन बीजेपी के लिए अब इनको एक दूसरे के लिए मीठा बनना पड़ा. जदयू, आरजेडी और कांग्रेस तीनों मिलकर बिहार में बीजेपी के खिलाफ खड़े गए हो हैं. जिन दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें 4 आरजेडी, 4 जदयू और 2 सीटों से कांग्रेस चुनाव लड़ेगी.
उपचुनाव होने वाली 10 सीटों में से 6 बीजेपी विधायकों की ओर से खाली की गई है, जबकि 2 जदयू की सीटें हैं. एक सीट कांग्रेस और एक निर्दलीय की है. भागलपुर, बांका, छपरा, हाजीपुर, मोहनियां, नरकटियागंज, जाले, परबत्ता, मोइद्दीनगर और राजनगर में 21 अगस्त को वोटिंग होंगी.