
मौसम को रंग बदलने में देर नहीं लगती, लेकिन सरकार को तैयारी करने में समय लगता है. बिहार सरकार ने 31 जुलाई को बिहार को सूखाग्रस्त करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जब तमाम जिलों के जिलाधिकारियों से बात हुई तो पता चला कि अब सूखे का नहीं बल्कि बाढ़ से निपटने की तैयारी करनी पडेगी.
अभी हाल तक बिहार में सूखे के आसार दिख रहे थे. किसान और सरकार दोनों की नजरें आसमान की तरफ थीं. 26 जुलाई तक बिहार में सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश रिकार्ड की गई थी. उसी दिन बिहार विधानसभा में बिहार में सूखे की आशंका को लेकर दो घंटे तक गंभीर बहस हुई. विपक्ष ने कहा कि सरकार ने सूखे से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है. सरकार ने कहा कि हम स्थिति से निपटे के लिए तैयार हैं. आरजेडी ने उसी दिन बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर सदन का बहिष्कार तक कर दिया. लेकिन सरकार ने कहा कि अगर 31 जुलाई तक बारिश ढंग से नहीं हुई तो पूरे बिहार को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जायेगा. बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने के सरकार की तमाम तैयारियां और विपक्ष को उसमें खोट निकालने के मंसूबे पर उस समय पानी फिर गया जब चंद्रग्रहण की रात के बाद से बिहार में लगातार बारिश होने लगी. बारिश इतनी हुई कि पटना डूबने लगा. एनएमसीएच के आईसीयू में पानी घुस गया. बाकी जिलों में भी अच्छी बारिश हुई.
फिलहाल बिहार में न तो सूखा है और ना ही बाढ. सरकार राज्य को अभी सूखाग्रस्त नहीं घोषित करेगी. बिहार सरकार ने राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिये 12 अगस्त तक का वक्त ले लिया है. इससे पहले बिहार सरकार ने राज्य को सूखाग्रस्त धोषित करने के लिये 31जुलाई तक का वक्त लिया था. मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षात्मक बैठक में राज्य में बाढ़ और सूखा दोनों के हालात की समीक्षा की गई.
बैठक के बाद बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि आज की स्थिति में राज्य में कही भी सूखे की स्थिति नहीं है. अब तक राज्य में औसत से मात्र 23 प्रतिशत कम बारिश हुई है. दीपक कुमार ने कहा कि राज्य में कहीं भी फिलहाल सूखे के आसार नहीं हैं. पांच जिलों में कम बारिश हुई है, जिनमें मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, सारण और नालंदा शामिल है. इन जिलों की स्थिति पर राज्य सरकार की नजर है.
मुख्य सचिव ने कहा कि 22 जुलाई की बैठक में लिए गए निर्णय जारी रहेंगे. किसानों को डीजल अनुदान मिलता रहेगा. फसल क्षति सहायता योजना की सीमा अब 31 अगस्त तक बढ़ाया गया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ और सुखाड़ की समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, ऊर्जा मंत्री, जल संसाधन मंत्री, पशुपालन मंत्री, PHED मंत्री के साथ मुख्य सचिव भी बैठक में शामिल थे.