
बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में हुए यौन शोषण के मामले की रिपोर्ट पुलिस ने कोर्ट में सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. अपनी 16 पेज की जांच रिपोर्ट में पुलिस ने बालिका गृह में चल रहे बच्चियों के साथ उत्पीड़न और शोषण के बारे में विस्तृत जानकारी दी है.
रिपोर्ट में बच्चियों के बयान भी शामिल किए गए हैं, सभी बच्चियों ने संचालकों के द्वारा मारपीट की बात कही है. इसके अलावा चौंकाने वाली बात ये कही है कि उन्हें रोज रात में दवाई दी जाती थी जिससे लड़कियों को नींद आ जाती थी. जब वह सुबह जब उठती थीं तो उनके कपड़े अस्त-व्यस्त रहते थे और उन्हें दर्द होता था.
कई लड़कियों ने कहा कि संस्था में काम करने वाली एक महिला किरण उनके साथ गलत काम करती थी. ब्रजेश ठाकुर के बारे में कई लड़कियों ने नाम से या फिर बड़े पेट वाला कह कर संबोधित करते हुए कहा कि वो सबको मारते थे.
अपनी जांच रिपोर्ट में पुलिस उपाधीक्षक मुकल कुमार रंजन ने लिखा है कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की कोसिश नाम की संस्था के रिपोर्ट के आधार पर पता चला था. जिससे सामने आया कि मुजफ्फपुर बालिका गृह में लड़कियों को सेक्सुअली उत्पीड़ित किया जा रहा था.
उसके बाद 30 मई को लड़कियों को वहां से हटा दिया गया और 31 मई को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई. इस मामले में अब तक 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं जबकि एक आरोपी फरार है.
रिपोर्ट में इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर विशेष टिप्पणी करते हुए लिखा गया कि वो काफी ऊंची पहुंच वाला बताया गया है. जिसकी पहुंच राजनैतिक, प्रशासनिक, पुलिस, गुंडा और मीडिया में है. वो इस बालिका गृह के अलावा भी कई एनजीओ का कर्ता धर्ता है.