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पटना महाभोज से पहले NDA में फूट, RLSP बोली- हमारी सिर्फ केंद्र नेतृत्व से बात

सूत्रों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि ये एनडीए की मीटिंग नहीं है. इसमें अधिकतर जिला स्तर के पदाधिकारी ही शामिल होंगे और राज्य की ही लीडरशिप शामिल होगी.

अमित शाह, रामविलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा (बाएं से दाएं) File Photo अमित शाह, रामविलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा (बाएं से दाएं) File Photo
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST

उपचुनावों के नतीजे के बाद एनडीए में सीटों को लेकर घमासान शुरू हो चुका है. बिहार में इस खींचतान को रोकने के लिए गुरुवार को एनडीए के साथियों के लिए बीजेपी की तरफ से महाभोज रखा है. लेकिन केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP)के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. जो कि बीजेपी की चिंता बढ़ा सकता है.

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सूत्रों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि ये एनडीए की मीटिंग नहीं है. इसमें अधिकतर जिला स्तर के पदाधिकारी ही शामिल होंगे और राज्य की ही लीडरशिप शामिल होगी.

कुशवाहा का कहना है कि उनकी स्टेट लीडरशिप नहीं बल्कि केंद्रीय लीडरशिप से बातचीत है. वह बिहार के प्रेसिडेंट से बात नहीं करते हैं. कुशवाहा की मांग है कि बैठक एनडीए की बुलाई जानी चाहिए. जो कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अमित शाह बुलाते हैं.  

नीतीश होंगे शामिल

गौरतलब है कि हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बीजेपी ने एनडीए के अपने सभी सगयोगी दलों को आज शाम पटना आमंत्रित किया है. इस बैठक और रात्रि भोज में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत करीब 1000 नेता शामिल होंगे.

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दरअसल, बिहार में बीजेपी-जेडीयू के साथ सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है जब एनडीए के नेताओं की बैठक हो रही है. इसका मुख्य मकसद आपसी एकजुटता दिखाना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान समेत बीजेपी के भूपेंद्र यादव, डिप्टी सीएम सुशील मोदी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, अरुण कुमार समेत सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद, प्रदेश पदाधिकारी और सभी घटक दलों के जिलाध्यक्ष महाभोज में शामिल हो सकते हैं.

सीटों को लेकर लगातार है हलचल

आपको बता दें कि हाल ही में उपचुनावों की हार के बाद सहयोगियों ने बीजेपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. सबसे पहले जेडीयू ने 25, रामविलास पासवान ने 7 सीटों की मांग की थी. इसके अलावा कुशवाहा ने भी जल्दी और सम्मानजनक सीटों की बात की थी.

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