
बिहार पुलिस के जवान दीपलाल महतो ने शादीशुदा रहते हुए न सिर्फ एक दूसरी लड़की से प्यार किया बल्कि उससे कोर्ट में शादी भी कर ली. लेकिन अब दीपलाल अब लड़की से दूर भाग रहा है और लड़की से अपना पीछा छुड़ाने के लिए दूसरे जिले में तबादला तक करा लिया. पीड़िता न्याय के लिए मारी-मारी फिर रही है.
पीड़िता ने बताया कि दीपलाल ने कोर्ट में शादी करने से पहले उसे कभी नहीं बताया कि वह पहले से ही शादीशुदा है और दो बच्चों का बाप भी है. कानून का रक्षक ही कानून को धता बता दो-दो शादियां करता है और आला अधिकारी सारी जानकारी होने के बावजूद पीड़िता के लिए कुछ नहीं कर रहे.
दीपलाल ने भभुआ की रहने वाली पीड़िता को अपने जाल में फंसाकर उसका शारीरिक शोषण किया. जब पीड़िता को पता चला की वह उसके बच्चे की मां बनने वाली है, तो पीड़िता उससे शादी करने का दबाव बनाने लगी. दबाव में आकर दीपलाल ने पीड़िता से बेतिया कोर्ट में शादी तो कर ली, लेकिन वापस भभुआ जाकर मायके में ही रहने के लिए कह दिया. दीपलाल ने होने वाले बच्चे की देखरेख का हवाला देकर दीपलाल ने अपनी दूसरी पत्नी को मायके भेज दिया. जब पीड़िता मायके चली आई, तब से दीपलाल महतो ने उससे बात भी करनी बंद कर दी.
कुछ महीनों बाद पीड़िता ने वाराणसी में बेटे को जन्म दिया. बेटे के जन्म के बाद भी जब दीपलाल अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहने को तैयार नहीं हुआ तो पीड़िता ने कैमूर एसपी हरप्रीत कौर से उसके खिलाफ शिकायत की. हरप्रीत कौर की पहल पर दीपलाल कुछ दिन उसके साथ रहा, लेकिन अचानक एकदिन उसे बिना बताए अपना तबादला आरा करा लिया और फिर से पीड़िता से बातचीत बंद कर दी. तंग आकर पीड़िता ने महिला थाना भभुआ में दीपलाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी.
पीड़िता ने बताया कि दीपलाल पश्चिमी चंपारण का रहने वाला है और बिहार पुलिस में सिपाही संख्या 415 उसका क्रमांक है. पीड़िता के अनुसार भभुआ में ड्यूटी के दौरान दोनों के बीच नजदीकी बढ़ी, वह उसके झांसे में आ गई और दीपलाल कई माह तक उसका यौन शोषण करता रहा.
पीड़िता ने कहा, "उसने मुझे कभी नहीं बताया कि वह पहले से शादीशुदा है. जब मैं गर्भवती हुई तब उसने बेतिया कोर्ट में मुझसे शादी की. शादी करने के बाद वह मुझे पश्चिम चंपारण के शिकारपुर थाना क्षेत्र में स्थित गांव लंगड़ा अपने घर ले गया. वहां मैं 8-10 दिन रही. जब मैं उसके गांव पहुंची तब मुझे पता चला दीपलाल पहले से शादीशुदा है, और पहली बीवी से उसके एक बेटा और बेटी भी है. दीपलाल ने इससे पहले मुझे कभी यह सब नहीं बताया था. इन सबके बावजूद मैं उसके साथ ही रहना चाहती थी, लेकिन उसने मुझे अपने मायके भेज दिया." पीड़िता ने कहा कि पुलिस भी उसकी मदद नहीं कर रही और उलटे दीपलाल का ही पक्ष ले रही है.
पीड़िता ने कहा, "अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए मैं जिले के सभी बड़े पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगा चुकी हूं. लेकिन अब तक किसी ने मेरी फरियाद नहीं सुनी. अगर इस लड़ाई में मेरी मौत हो जाए तो उसका सारा जिम्मेदार यहां का पुलिस प्रशासन होगा. पुलिस को इस जवान के केस के बारे में सबकुछ पता है."
डीएसपी अजय प्रसाद ने बी इतना कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मामले की जांच चल रही है.