
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब नरेंद्र मोदी की 'चाय पर चर्चा' के तर्ज पर 'पर्चे पर चर्चा' करने को तैयार हैं. बिहार चुनाव से पहले प्रचार के लिए नीतीश कुमार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है.
चार पन्नों के पर्चे में नीतीश सरकार के 10 सालों की उपलब्धियों का बखान किया गया है. इसमें केंद्र की मोदी सरकार के 1 साल के काम की 'विफलताओं' को भी दिखाया गया है. इस कार्यक्रम की शुरुआत जेडीयू के बिहार अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह पटना में करने जा रहे हैं.
गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा का चुनाव सितंबर-अक्टूबर में होने की संभावना है. इसके मद्देनजर सियासी पार्टियों ने चुनाव प्रचार की रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इस दौरान नए सियासी समीकरण भी देखने को मिल रहे हैं.
बिहार चुनाव में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव में उतर रहे हैं. दूसरी ओर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं. एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे और सीएम उम्मीदवार को लेकर खींचतान भी नजर आ रही है.