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बिहार: सृजन घोटाले के आरोपी की मौत, लालू का दावा- JDU नेता के पिता थे मृतक

परिजनों का आरोप है कि महेश का इलाज सही ढंग से नहीं किया गया जिसके चलते उनकी मौत हुई. उनका ये भी कहना है कि महेश जिंदा होते को घोटाले से संबंधित कई और राज खोल सकते थे.

सृजन घोटाले के आरोपी की इलाज के दौरान मौत सृजन घोटाले के आरोपी की इलाज के दौरान मौत
सुजीत झा
  • पटना,
  • 21 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

बिहार के सृजन घोटाले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है. घोटाले के एक आरोपी की इलाज के दौरान मौत हो गई है. आरोपी की मौत के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लालू ने दावा किया है कि मरने वाला आरोपी जेडीयू के एक अमीर नेता के पिता थे.

घोटाले के आरोप में ज़िला कल्याण विभाग से निलंबित महेश मंडल को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 15 अगस्त को कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. मगर उन्होंने तबीयत खराब होने की दलील दी, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.

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बताया जा रहा है कि महेश ने किडनी खराब होने की शिकायत की थी. साथ ही उन्हें शुगर की भी समस्या थी. कोर्ट से इस संबंध में इलाज की मोहलत मांगी गई, जिसके बाद शुक्रवार और शनिवार को इलाज के लिए महेश को मायागंज अस्पताल भेजा गया.

दो दिनों तक इलाज के बाद महेश मंडल को वापस जेल भेज दिया गया. रविवार शाम अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार की रात उनकी मौत हो गई.

आरोपी की मौत के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगया है. लालू ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''सृजन महाघोटाले में पहली मौत. 13 गिरफ़्तार, उनमें से एक की मौत. मरने वाला भागलपुर में नीतीश की पार्टी के एक बहुत अमीर नेता का पिता था.''

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इलाज सही होने का आरोप

 

वहीं महेश मंडल के परिजनों ने मौत पर सवाल उठाए हैं. परिजनों का आरोप है कि महेश का इलाज सही ढंग से नहीं किया गया जिसके चलते उनकी मौत हुई. उनका ये भी कहना है कि महेश जिंदा होते को घोटाले से संबंधित कई और राज खोल सकते थे.

 

बता दें कि ये घोटाला बिहार के भागलपुर में सामने आया है. जहां सृजन महिला आयोग नाम की संस्था ने बैंक और ट्रेजरी अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये के गबन को अंजाम दिया. बैंक अधिकारी सरकारी फंड को गुपचुप तरीके से सृजन के खाते में डाल देते थे. संस्था ने पैसे को रियल एस्टेट जैसे धंधों में लगाकर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे किए. पुलिस ने इस मामले में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं बिहार सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.

 

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