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सुपर-30 मामला: पटना हाईकोर्ट में दाखिल हुई जनहित याचिका, अगले हफ्ते सुनवाई

इस साल आईआईटी रिजल्ट के प्रकाशित होने के बाद पटना की सभी संस्थाओं ने अपने-अपने सफल विद्यार्थियों का नाम प्रकाशित किया लेकिन देश विदेश में प्रसिद्धी पाने वाले रामानुज मैथेमेटिक्स और सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार ने विद्यार्थियों की लिस्ट जारी नहीं की थी.

सुपर 30 के आनंद कुमार (फाइल फोटो) सुपर 30 के आनंद कुमार (फाइल फोटो)
सुजीत झा/मोहित ग्रोवर
  • पटना,
  • 26 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:32 AM IST

बिहार के ​बहुचर्चित कोचिंग संस्थान सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार के खिलाफ बुधवार को पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. ​इस मामले पर जनहित याचिका दायर करने वाले ​पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील मणिभूषण प्रताप सेंगर ने कहा कि आनंद कुमार के सुपर-30 कोचिंग संस्थान को लेकर जितने सवाल उठ रहे हैं उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

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सेंगर ने अपनी याचिका में बिहार सरकार को भी पार्टी बनाया है. पटना हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी. इस साल आईआईटी रिजल्ट के प्रकाशित होने के बाद पटना की सभी संस्थाओं ने अपने-अपने सफल विद्यार्थियों का नाम प्रकाशित किया लेकिन देश विदेश में प्रसिद्धी पाने वाले रामानुज मैथेमेटिक्स और सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार ने विद्यार्थियों की लिस्ट जारी नहीं की थी.

उन्होंने मौखिक तौर पर बताया कि उनके सुपर-30 संस्था से 26 परीक्षार्थियों ने आईआईटी परीक्षा में सफलता पाई है. इस पर कई बार सवाल उठे कि वो 26 सफल कैंडिडेट कौन-कौन से हैं, संस्था उनका नाम जारी करे लेकिन अब तक सही ढंग से उनके संस्था द्वारा कैंडिडेट का नाम नहीं बताया गया. इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि आज एक वकील ने पटना के हाईकोर्ट में उनके संस्था के ऊपर जनहित याचिका ही दायर कर दी.

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याचिका दायर करने वाले वकील मणिभूषण प्रताप सेंगर ने कहा कि पिछले कई दिनों से पटना के कई अखबारों में लगातार खबरें आ रही हैं कि आनंद कुमार सुपर-30 और रामानुज क्लासेज चलाते हैं जिसमें बहुत बड़ी धोखाधड़ी है इस संस्था द्वारा सरकार और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है.

इसी मामले को लेकर मैंने सीबीआई जांच की मांग की है, इस संस्था में सुपर -30 के नाम पर बच्चों का एडमिशन लिया जाता है और बच्चों से 33 से 34 हजार रूपया  वसूला जाता है. हालांकि, दुनिया को दिखाने के लिए आनंद कुमार कहते हैं कि उन्होंने एक भी पैसा नहीं लिया है.

आनंद कुमार पूरे देश में विभिन्न शहरों में पहले परीक्षा आयोजित करवाते हैं और उसमें से छात्रों का चुनाव करते हैं. लेकिन विगत कुछ वर्षों से आनंद कुमार के संस्था द्वारा आईआईटी में सफल परीक्षार्थियों का लिस्ट जारी नहीं किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों से बच्चों के नाम बार-बार दोहराये जा रहे हैं.

कभी सुपर-30 में आनंद कुमार के साथ बच्चों को पढ़ाने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद अपना अलग कोचिंग चलाते हैं. उन्होंने इस विवाद पर कहा कि कुछ मीडिया में चल रहा था कि आईआईटी संस्था में प्रतियोगिता की तैयारी कराने वाले संस्था आगामी आईआईटी परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षाथियों के लिस्ट जारी करे आज मैंने अपनी संस्था के 23 बच्चों की लिस्ट जारी कर दी है.

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उन्होंने कहा कि रही बात आनंद कुमार की तो उनके संस्था पर जनहित याचिका दायर हुई है तो मैं इस मामले में कुछ भी नहीं कहूंगा. 2008 तक मैं भी उस संस्था से जुड़ा था, वो बच्चो को कैसे रखते थे क्या खिलाते थे और कितना पैसा लेते थे यह मुझे नहीं मालूम क्योंकि मैं उस संस्था के मैनजमेंट से नहीं जुड़ा था. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ वहां पढ़ाने जाते थे और किसी चीज से मुझे कोई मतलब नहीं होता था.

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