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जानिये कौन हैं जितेंद्र तोमर और क्या है वो विवाद जिसमें मंत्रीजी हुए गिरफ्तार

जंग और केजरीवाल के बीच चल रही जंग के बीच मंगलवारी की सुबह एक नया मोड़ आया जब दिल्ली के हौज़ खास थाने के SHO ने केजरीवाल के मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को गिरफ़्तार कर लिया।

Jitendra singh Tomar Jitendra singh Tomar
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2015,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

जंग और केजरीवाल के बीच चल रही जंग के बीच मंगलवार सुबह एक नया मोड़ आया जब दिल्ली के हौज़ खास थाने के SHO ने केजरीवाल के मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को गिरफ़्तार कर लिया.

उनपर वकालत की फर्जी डिग्री रखने का आरोप है. वैसे ये पहली बार नहीं जब केजरीवाल के कानून मंत्री विवादों में हो. केजरीवाल की पहली कैबिनेट में कानून मंत्री रहे सोमनाथ भारती भी कभी आधी रात को खिड़की एक्सटेंशन में रेड डालने के लिए तो कभी अरुण जेटली पर विवादित बयान देकर लगातार विवादों में बने रहे थे.

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आइये जानते है मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के बारे में....

चुनाव आयोग को दिये गये एफिडेविट के अनुसार जितेंद्र सिंह तोमर 48 साल के है और जे जे कॉलोनी दिल्ली के निवासी है. उनकी घोषित सम्पत्ति भी एक करोड़ से भी ज्यादा की है. इनके पास दो कारें भी है साथ ही साथ एफिडेविट में नौ बैंक अकाउंट का बेबाक उल्लेख है.

यह पहले कांग्रेस पार्टी के साथ रह चुके है पर पहला चुनाव आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली के त्रिनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2013 में लड़ा पर हार गए. उसके बाद इस साल हुए दिल्ली चुनाव में वो त्रिनगर से ही चुनाव जीते और केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री बने. पर उनको दिल्ली के पर्यटन, कला और संस्कृति की भी जिम्मेदारी दे राखी गयी है.

अब बात मंत्री के डिग्री की: जितेंद्र ने एफिडेविट में एजुकेशन वाले कॉलम में सिर्फ 'तिलक मांझी, भागलपुर यूनिवर्सिटी, बिहार' ही लिख रखा है. और सारा विवाद उनकी इस एल एल बी की डिग्री को लेकर ही है. अप्रैल में एक आर टी आई के हवाले से पता चला की उनकी डिग्री बोगस है.

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ठीक एक दिन बाद भागलपुर यूनिवर्सिटी ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि जो पंजीकरण नंबर उनकी डिग्री पर है उस नंबर पर कोई और पंजीकृत है. डिग्री पूरी तरह से गलत और बोगस है.

उनके खिलाफ मामला तब और मजबूत होता दिखता है जब वो एक इंग्लिश अख़बार को एक बयान देते है कि उनके पास चौधरी चरण सिंघ यूनिवर्सिटी, मेरठ से वकालत की वैध डिग्री है. जब मंत्री के पास चौधरी चरण सिंघ यूनिवर्सिटी की वैध डिग्री थी तो एफिडेविट में भागलपुर यूनिवर्सिटी लिखने की क्या जरुरत थी?

बात यहीं खत्म होती तो बेहतर होता. मंत्री के पास अवध यूनिवर्सिटी के कान्ताप्रसाद सुन्दरलाल साकेत पी जी कॉलेज, अयोध्या से बैचलर ऑफ़ साइंस की भी डिग्री है. संस्थान का कहना है मंत्री की सेकेण्ड ईयर की मार्कशीट गलत है. अवध यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक, ए एम अंसारी, ने एक अंग्रेजी अख़बार को बताया कि मंत्री की मार्कशीट में कई खामियां है. पूरा मामला जलेबी की तरह उलझा हुआ है.

दिल्ली बार कौंसिल के चीफ के के मेनन भी मंत्री की डिग्री को लेकर दुविधा में है. वैसे मंत्री जी के खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जा चुका है जो कुछ ऐसे है: 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (जालसाजी धोखाधड़ी के लिए), 120 B (आपराधिक साजिश) खैर मामला कोर्ट में है वही बता पाऐगी की सच क्या है?

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