
चेन्नई की गलियों से निकली 'फिरकी' ने विश्व क्रिकेट में ऐसी धूम मचाई कि बड़े से बड़े बल्लेबाज पस्त होते दिखे. जी हां! बात हो रही है टीम इंडिया के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की, जिन्होंने कभी टेनिस गेंद से स्पिन के गुर सीखे थे. अश्विन आज (मंगलवार) 33 साल के हो गए. उनका जन्म 17 सितंबर 1986 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था.
अश्विन फिलहाल सीमित ओवरों के प्रारूप की भारतीय टीम से बाहर हैं. उन्हें एक तरफ बाएं हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा से कड़ी टक्कर मिल रही है, तो दूसरी तरफ कलाई के स्पिनरों की जोड़ी- युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने चयनकर्ताओं का भरोसा जीता. और अब नवोदित ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर और लेग स्पिनर राहुल चाहर को कप्तान विराट कोहली आजमाना चाहते हैं.
अश्विन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के 15 सदस्यीय भारतीय स्क्वॉड में शामिल हैं. लेकिन यह तय नहीं है कि उन्हें 2 अक्टूबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के अंतिम-11 खिलाड़ियों में मौका मिलेगा या नहीं.
लगातार पांच टेस्ट मैचों से बाहर हैं अश्विन
अश्विन लगातार पांच टेस्ट से बाहर है. आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में खेले थे. दिसंबर में एडिलेड टेस्ट में कुल छह विकेट (3+3) लेने के बाद मैच की चौथी सुबह चोटिल हो गए. बाईं तरफ पेट में खिंचाव के वजह से वह इसके बाद पर्थ और मेलबर्न टेस्ट में भी नहीं खेल पाए. सिडनी में होने वाले अंतिम टेस्ट के लिए 13 खिलाड़ियों में भी उनका नाम रहा, पर उन्हें नहीं खिलाया गया. इसके बाद वेस्टइंडीज दौरे में भी वह दोनों टेस्ट से बाहर रहे.
...ऐसे अश्विन पर भारी पड़ते गए जडेजा
जडेजा के पक्ष में एकमात्र कारण संभवतः उनकी निरंतरता मानी जा सकती है. पिछले साल दिसंबर में अश्विन के चोटिल होने की वजह से बाएं हाथ के स्पिनर जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया में सीरीज के आखिरी दो टेस्ट (मेलबर्न और सिडनी) मैचे खेले थे.
मेलबर्न में जडेजा ने 25 ओवरों में केवल 45 रन दिए और दो विकेट झटके. दूसरी पारी में 32 ओवरों की गेंदबाजी में उन्होंने 3 विकेट चटकाए. और इसके बाद सिडनी में 32-11-73-2 के गेंदबाजी विश्लेषण के साथ सीरीज का समापन किया. वेस्टइंडीज सीरीज के दो टेस्ट मैचों में जडेजा ने कुल 6 विकेट चटकाए और बल्ले से एक अर्धशतक भी जमाया.
चैम्पियंस ट्रॉफी-2017 की नाकामी ने छीन ली जगह!
दरअसल, चैम्पियंस ट्रॉफी-2017 में अश्विन और रवींद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी कोई कमाल नहीं दिखा पाई थी. अश्विन उस टूर्नामेंट के दौरान तीन मैचों में सिर्फ एक विकेट ले पाए थे. और तो और फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ दोनों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. दोनों ने 18 ओवरों में 137 रन दिए और एक भी विकेट नहीं मिला. इसके बाद से अश्विन को बुरा दौर शुरू हो गया, जबकि अश्विन वापसी करने में कामयाब रहे.
अश्विन को IPL ने वर्ल्ड क्रिकेट में दिलाई थी पहचान
अश्विन की आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) से पहचान बनी थी. लंबे कद के इस गेंदबाज ने न सिर्फ चेन्नई सुपर किंग्स के आक्रमण की शुरुआत की, बल्कि डेथ ओवर्स में भी लगाया गया. साउथ अफ्रीका में खेली गई 2010 की चैम्पियंस लीग टी-20 में अश्विन 'मैन ऑफ द सीरीज' रहे. टी-20 में धारदार गेंदबाजी ने उन्हें भारतीय टीम में जगह दिला दी.
भज्जी के गिरते ग्राफ ने अश्विन को मौका दिला दिया
जून 2010 में पहले तो वनडे में मौका मिला और उसके बाद नवंबर 2011 में टेस्ट क्रिकेट में भी डेब्यू कर लिया. अश्विन 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय स्क्वॉड में शामिल रहे, लेकिन हरभजन सिंह के रहते उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन अश्विन ने अपनी गेंदबाजी पर लगातार मेहनत की. आखिरकार हरभजन के प्रदर्शन के गिरते ग्राफ ने अश्विन को तवज्जो दिला दी.
अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट किया था धमाकेदार डेब्यू
-अश्विन ने अपने डेब्यू टेस्ट में 9 (3/81, 6/47) विकेट चटकाए, जो नरेंद्र हिरवानी (8/61, 8/75) के बाद पदार्पण टेस्ट में किसी भारतीय बॉलर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी थी.
-अश्विन ने भारतीय टीम में पदार्पण करते हुए 3 टेस्ट मैचों की सीरीज में (वेस्टइंडीज के खिलाफ) न सिर्फ 22 विकेट चटकाए, बल्कि अपने तीसरे ही टेस्ट में शतक (103 रन) भी जड़ दिया.
टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 300 विकेट का कारनामा
अश्विन ने नवंबर 2017 में टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 300 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डेनिस लिली को पछाड़ा. लिली ने 56 टेस्ट मैचों में 300 विकेट पूरे किए थे, जबकि अश्विन ने अपने 54वें टेस्ट में ही यह उपलब्धि हासिल की. इससे पहले अश्विन ने लिली को ही पीछे छोड़कर सबसे तेज 250 विकेट पूरे किए थे. अश्विन ने 45वें टेस्ट मैचों यह कारनामा किया था, जबकि लिली को ढाई सौ विकेट तक पहुंचने के लिए 48 टेस्ट मैच खेलने पड़े थे.
कम टेस्ट में 300 विकेट पूरे करने वाले गेंदबाज
1. रविचंद्रन अश्विन (भारत) विरुद्ध श्रीलंका, नागपुर में- 27 नवंबर 2017, 54वां टेस्ट
2. डेनिस लिली (ऑस्ट्रेलिया) विरुद्ध पाकिस्तान, ब्रिस्बेन में- 27 नवंबर 1981( टेस्ट शुरू होने का दिन), 56वां टेस्ट
3. एम. मुरलीधरन (श्रीलंका) विरुद्ध साउथ अफ्रीका डरबन में (2000), 58वां टेस्ट
4. रिचर्ड हैडली (न्यूजीलैंड) विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया वेलिंगटन में (1986) 61वां टेस्ट
5. एम. मार्शल (वेस्टइंडीज) विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न में (1988) 61वां टेस्ट
- डेल स्टेन (साउथ अफ्रीका) विरुद्ध न्यूजीलैंड केपटाउन में (2013), 61वां टेस्ट
भारत की ओर से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज
अनिल कुंबले (1990-2008), 132 टेस्ट- 619 विकेट
कपिल देव (1978-1994), 131 टेस्ट- 434 विकेट
हरभजन सिंह (1998-2015), 103 टेस्ट- 417 विकेट
आर. अश्विन (2011-2018), 65 टेस्ट- 342 विकेट
ICC क्रिकेटर ऑफ द ईयर और टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर
दिसंबर 2016 में अश्विन को आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर और टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया. तब टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष गेंदबाज अश्विन ने आईसीसी के वोटिंग अवधि 14 सितंबर 2015 से 20 सितंबर 2016 के दौरान 8 टेस्ट मैचों में 15.39 की औसत से 48 विकेट चटकाए थे. इसके अलावा बल्ले से 42 की औसत से 336 रन बटोरे थे. इस दौरान अश्विन ने 19 टी-20 इंटरनेशनल में 15.62 की औसत से 27 विकेट झटके.