Advertisement

जब-जब संसद में कामकाज ठप रहा इस सांसद महोदय ने लौटा दी सैलरी

पांडा ने बताया कि वो अपनी सैलरी का उतना हिस्सा और भत्ता लौटा देते हैं, जितना लोकसभा के समय का नुकसान हुआ है. ऐसा वो 4-5 सालों से कर रहे हैं.

जय पांडा, सासंद जय पांडा, सासंद
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

संसद का पूरा शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. महीने भर चले सत्र में एक भी दिन अच्छी तरह से काम नहीं हो सका. जानकारों ने इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को लताड़ा. यहां तक की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी इस पर चिंता जाहिर की. संसद में कार्यवाही के दौरान 1 मिनट पर 2.5 लाख रुपये खर्च होते हैं. 1 घंटे का खर्च 1.5 करोड़ रुपये और पूरे 1 दिन का खर्च 9 करोड़ रुपये होता है. ऐसे में कई लोगों ने सांसदों की सैलरी में कटौती करने को कहा.

Advertisement

इस सबके बीच बीजू जनता जल (बीजेडी) सांसद जय पांडा ने एक उदाहरण पेश किया है. लोकसभा की कार्यवाही नष्ट होने से दुखी सांसद जय पांडा ने अपनी तरफ से इसकी भरपाई करने की कोशिश की है. पांडा ने बताया कि वो अपनी सैलरी का उतना हिस्सा और भत्ता लौटा देते हैं, जितना लोकसभा के समय का नुकसान हुआ है. ऐसा वो 4-5 सालों से कर रहे हैं.

 

जय पांडा ने कहा कि मेरी अंतरात्मा को दुख होता है कि हम वह काम नहीं कर रहे हैं, जो करना चाहिए. हालांकि मैंने संसद में कभी गतिरोध नहीं किया.

ये कहा था आडवाणी ने
संसद में जारी गतिरोध पर आडवाणी ने तृणमूल सांसद इदरीस अली को अपना दर्द बताते हुए कहा था कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी संसद में होते तो बहुत दुखी होते. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि 'मेरा मन कर रहा है कि मैं इस्तीफ़ा दे दूं.'

Advertisement

राष्ट्रपति ने भी जताई थी नाराजगी
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा था कि संसद में गतिरोध को स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि भगवान के लिए अपना काम करें. राष्ट्रपति मुखर्जी ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के पास होने की वकालत भी की थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement