
उत्तर प्रदेश के कैराना में जिंदगी कब खत्म हो जाए इसकी कोई गारटी नहीं. रंगदारी वसूलने वालों का आतंक ऐसा है कि सैकड़ों की संख्या में लोग आशियाने को छोड़कर जाने को मजबूर हैं. 2 साल के अंदर इलाके से 346 परिवार पलायन कर चुके हैं.
रंगदारी नहीं देने पर 6 व्यापारियों का कत्ल
कैराना में घरों में ताले लटक गए. दुकानों के शटर बंद हो गए. लाखों के कारोबार करने वाले एक झटके में सड़क पर आ गए. जान बचाने के लिए लोगों ने उस शहर को छोड़
दिया. उत्तर प्रदेश के शामली जिले के इस कस्बे में आम लोगों की जिंदगी बदल गई. अपराधियों ने जिससे चाहा उससे रंगदारी देने का फरमान सुना दिया. छोटे बड़े
तमाम कारोबारी पर हफ्ता बांध दिया गया. जिंदा रहना था तो जेब ढीली करनी पड़ेगी. बदमाशों की मांग पर हामी भरने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा. जिसने भी
विरोध किया, वो हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया. स्थानीय लोगों का दावा है कि 6 व्यापरियों का कत्ल रंगदारी नहीं देने की वजह से हुआ.
जेल के अंदर से चल रहा है रंगदारी का धंधा
अब हालत ये है कि कैराना में रहने वाले लोगों के रिश्तेदारों ने रास्ता बदल दिया. वो कैराना आने को तैयार नहीं हैं. स्थानीय लोगों का दावा है कि शहर के अपराध को
जेल में बंद शातिर अपराधी कंट्रोल कर रहे हैं. जेल के अंदर से फरमान आने के बाद उनके चेले वारदात को अंजाम देते हैं. आम शहरी दहशत और खौफ के साए में जिंदा
रहने को मजबूर है.
अखिलेश सरकार पर बरसे स्थानीय बीजेपी सांसद
स्थानीय बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है. आरोप लगाया कि सरकार अपराध पर काबू करने के जगह
आंखें मूंद ली हैं. बीजेपी सांसद ने कहा, 'जो अवैध वसूली में साथ नहीं देगा, वो करैना में जिंदा नहीं रह पाएगा.' यानी जो टैक्स नहीं भरेगा वो जिंदा नहीं रहेगा.
पुलिस दिख रही बेबस
ये उत्तर प्रदेश के एक कस्बे का हाल है. बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करने वाले उत्तर प्रदेश सरकार को अब जवाब देना पड़ेगा. वो लोगों को समझाएं कि आखिर
क्यों कैराना से सैकड़ों लोग पलायन करने को मजबूर है. आखिर क्यों लोग डर के साए में जीने को मजबूर है और क्यों पुलिस और प्रशासन को लकवा मार गया है?
बीजेपी ने बनाया 9 सदस्यीय जांच दल
कैराना में पलायन की खबर सुर्खियां बनीं तो राजनीतिक दलों के लिए सियासी खाद का काम करने लगी. बीजेपी ने 9 सदस्यीय जांच समिति को कैराना
कूच करने का आदेश जारी कर दिया गया. इससे पहले बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने ऐसे करीब 340 परिवारों की सूची जारी की थी, जो पिछले दो सालों में कैराना से
पलायन कर गए थे. शिकायतों की लंबी सूची के साथ हुकुम सिंह गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पास भी पहुंचे. उधर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने
कैराना में अपराधियों के बेखौफ होने पर समाजवादी पार्टी की सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि सपा की शह पर यहां गुंडई हो रही है.
अमर सिंह ने कैराना की घटना को मामूली बताया
अब बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाया तो लगे हाथ साध्वी प्राची ने इसे 90 के दशक के कश्मीरी पंडितों के पलायन से जोड़ दिया. उधर उत्तर प्रदेश सरकार में नंबर दो आजम
खान कैराना पलायन पर चुप रहे लेकिन बीजेपी सांसद हुकुम सिंह पर पलटवार किया. सपा के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे अमर सिंह ने कैराना पलायन को मामूली घटना
बताई. उन्होंने कहा कि कश्मीर से इसकी तुलना करना गलत है.