
केजरीवाल सरकार की आए दिन कोई न कोई कॉन्ट्रोवर्सी सामने आ ही जाती है. अभी जिस तरीके से कैबिनेट में फेरबदल कर के एक-एक मंत्री को 7,8 और यहां तक 11 मंत्रालय दिए गए हैं इससे यही समझ आ रहा हैं कि दिल्ली के विकास की गति क्या होने वाली. जाहिर है अगर एक मंत्री पर इतने मंत्रालयों की जिम्मेदारी लादी जाएगी तो काम कैसे होंगे. इसी बात पर बीजेपी और कांग्रेस ने भी 'आप' पर जमकर निशाना साधा.
केजरीवाल और उनकी पार्टी को दिल्ली का मुजरिम करार दिया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय के मुताबिक 'केजरीवाल अपनी राष्ट्रीय महत्वकांक्षाओं को पूरा करने में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें दिल्ली की कोई खबर नही हैं और इसका खामियाजा जनता भुगत रही है'.
मुख्यमंत्री के दूसरे राज्यों के दौरों और कैबिनेट फेरबदल पर कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाए. कांग्रेस के मुताबिक आप का दिल्ली में काम करने के बजाए दूसरे राज्यों के चुनाव जीतने पर ज्यादा ध्यान है. जिसका खामियाजा दिल्ली की मासूम जनता भुगत रही है. कांग्रेस के पूर्व नेता जेपी अग्रवाल ने भी अपने बयान में आप को खूब खरी-खरी सुनाई.
इन तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच आप और उनके मंत्रियों ने इन सभी बातों को बेबुनियाद बताते हुए दिल्ली की जनता को सर्वोपरि माना और साथ ही यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री का पूरा ध्यान सिर्फ दिल्ली पर रहता है. दिल्ली के स्वस्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन जिनके पास अब कुल 7 मंत्रालय हैं उन्होंने इन बातों को नकारते हुए कहा की हम दिन रात दिल्ली की सेवा में ही लगे हुए हैं.