
दंगल गर्ल बबीता फोगाट बेशक राजनीति के रंग में पूरी तरीके से रंग गई हों, लेकिन बबीता ने कुश्ती का अपना दंगल अभी भी छोड़ा नहीं है. चुनाव कैंपेन शुरू करने से पहले अपने दिन की शुरुआत वो कुश्ती के दंगल से ही करती हैं. सुबह-सुबह एक्सरसाइज करती हैं.
बेशक इस कुश्ती के दंगल में बबीता के सामने कोई विरोधी पहलवान नहीं, बल्कि बबीता की छोटी बहन संगीता फोगाट होती हैं. अपनी बहन पहलवान संगीता फोगाट के साथ अपने घर में कुश्ती की प्रैक्टिस भी करती हैं. आज तक ने बबीता फोगाट से कुश्ती के दंगल से राजनीति के दंगल की नई पारी के बारे में खास बातचीत की.
जो सूरज को जगाते हो वो आगे बढ़ जाते हैंः बबीता
बीजेपी ने बबीता फोगाट को चरखी दादरी से अपने प्रत्याशी बनाया है. बबीता इस समय पूरी तरीके से चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं. बबीता ने आज तक से अपने पहलवानी के बारे और राजनीतिक पारी के बारे में खुलकर बात की. बबीता ने बताया कि मैं हर रोज प्रैक्टिस करती हूं. उससे शरीर भी स्वस्थ रहता है और मानसिक तौर से भी फायदा होता है. जो सूरज को जगाते हो वो आगे बढ़ जाते हैं. बबीता ने बताया कि हमारे पिता बचपन से कहा करते थे जो मेहनत करते हैं उनकी भगवान भी सुनते हैं. सुबह उठकर के व्यायाम हर किसी को करना चाहिए.
राजनीतिक सफर पर क्या बोलीं बबीता?
राजनीतिक सफर के बारे में बबीता फोगाट ने कहा, 'मेरे फादर पहलवानी करते थे और मेरी मां सरपंच रही हैं. पहलवानी मेरे को फादर से मिली और राजनीति मेरी मां से मिली. पिता ने पहलवानी सिखाई तो मां ने सरपंची संभाली. दोनों के दांवपेच मैंने बचपन से ही सीखे हैं. चाहे वो राजनीति हो या पहलवानी का अखाड़ा.'
बबीता फोगाट की छोटी बहन संगीता का खुद के राजनीति में आने के बारे में कहना है कि अभी तो मैं अपने स्पॉट पर फोकस कर रही हूं. अपनी पहलवानी पर फोकस कर रही हूं. मैं अपनी बहन की मदद करने के लिए अभी लगी हूं. मेरी बहन राजनीति में आई, मुझे बहुत खुशी है. चाहे कुश्ती हो या राजनीति, दोनों में उनको कामयाबी मिलेगी.
उनका आगे कहना है कि कुश्ती में बहुत कामयाबी मिली और वह राजनीति में भी बहुत कामयाब होंगी. संगीता फोगाट का कहना है कि बबीता बहुत मेहनती हैं कुश्ती में बहुत मेहनत करती थीं. राजनीति में बहुत मेहनत करती हैं और जो लोग मेहनत करते हैं भगवान उनका साथ देता है इसलिए राजनीति में वह कामयाब होंगी और जनता की सेवा करेंगी.
कन्या भ्रूण हत्या पर बदला नजरिया
हरियाणा कन्या भ्रूण हत्या के नाम से जाना जाता था. उस सोच में हमने बदलाव किया है समाज की सोच बदली है. हमारा हमेशा यह प्रयास रहा है कि समाज में जो कुरीतियां है बुराइयां है, उन्हें बदला जाए.
बबीता फोगाट ने कहा कि पहलवानी मेरी रग-रग में बसी हुई है. उसको कभी भी नहीं छोड़ सकती. मैं लड़कियों को रेसलिंग सिखाऊंगी. यह भी एक सेवा है हमेशा देश के लिए खेले मान सम्मान बढ़ाएं.
बबीता फोगाट ने कहा, 'मैंने बीजेपी ज्वाइन की है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और सीएम ने मुझ में भरोसा जताया. सेवा करने के लिए लोगों की सेवा करने के लिए. बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ मुहिम से काफी बदलाव आया है.'
मेरे आदर्श नेता नरेंद्र मोदी
बबीता फोगाट का कहना कि मेरे आदर्श नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से प्रभावित होकर के मैंने बीजेपी ज्वाइन किया और बीजेपी की विचारधारा से प्रभावित हूं. मुश्किल तो कोई भी चीज होती है चाहे वह राजनीति हो या कुश्ती हो. मुश्किलों से जो लड़ता है वही आगे बढ़ता है.
मैं विरोधी नंबर वनबबीता फोगाट का मानना है कि कुश्ती में तो सभी प्रतिद्वंदी होते हैं किसी को कम नहीं आंकना चाहिए. कोई भी क्यों ना हो, लेकिन जब मेहनत करते हैं हम तो खुद पर भरोसा होता है तो हमारे सामने कोई टिकने वाला नहीं. राजनीति में दुश्मन नंबर वन तो नहीं कहूंगी विरोधी कहूगीं.
आगे उनका कहना है कि हमारी लड़ाई बुराई से है भ्रष्टाचारी से. हमारी लड़ाई जो कुरीतियां समाज में लड़ाई खत्म करके यही मेरा मकसद है. जो लोगों का नेताओं के प्रति माइंडसेट है उसको बदलना है.
धारा 370 हटाने पर बबीता फोगाट
धारा 370 हटाने पर बबीता फोगाट का कहना है कि धारा 370 हटाना हमारे देश के लिए बहुत जरूरी था. जो 70 सालों से नहीं हुआ वह मोदी सरकार ने किया. पहलवानी और नेतागिरी में फर्क इतना है पहलवानी करके आप थोड़ा आराम कर सकते हैं. राजनीति में जो है 24 घंटे मेहनत करनी पड़ेगी लोगों के बीच रहना पड़ेगा. मेहनत तो हर फील्ड में करनी पड़ती है.
बबीता फोगाट ने दंगल फिल्म का डायलॉग बोलते हुए कहा कि हमारी छोरी क्या छोरों से कम हैं? बबीता फोगाट का कहना है कि कुश्ती करते थे तो कहते थे यह पुरुषों का गेम है, लेकिन हम लोगों ने यह करके दिखाया कि लड़कियां भी कुश्ती में जा सकती हैं. लड़कियां लड़कों से कोई कम नहीं है.