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बीजेपी का दावा, UP को मुख्तार-अतीक की जगह दिया निवेश

उत्तर प्रदेश में 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश की आधारशिला रखने के बाद बीजेपी ने दावा किया है  कि जहां उनसे पहले समाजवादी पार्टीे और बहुजन समाज पार्टी ने राज्य को अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे माफिया दिए उनकी सरकार ने निवेश का  माहौल दिया.

लखनऊ में मोदी लखनऊ में मोदी
राहुल मिश्र
  • लखनऊ,
  • 30 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि जहां सपा-बसपा की सरकारों ने उत्तर प्रदेश को मुख्तार-अतीक और मुकीम काला जैसे माफिया दिए तो वहीं भाजपा सरकार प्रदेश के विकास के लिए रिकार्ड 60 हजार करोड रूपये का निवेश लेकर आई है.

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा, ''चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डबल इंजन के लिए उत्तर प्रदेश की जनता से आर्शीवाद मांगा था. अब जनादेश मिलने के बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जोड़ी ने इंवेस्टर्स समिट के जरिये महज पांच महीनों के भीतर 60 हजार करोड़ का रिकार्ड निवेश कराकर यह साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में अब डबल इंजन की सरकार काम कर रही है.''

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है. इस निवेश से राज्य विकास की दौड़ में आगे तो निकलेगा ही, यहां रोजगार के बड़े अवसर भी पैदा होंगे. त्रिपाठी ने कहा कि तेजी से बदलते उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड निवेश को देखकर कुछ दल बौखलाए हुए हैं.

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ये वही दल हैं, जिन्होंने आजादी के बाद सबसे ज्यादा वक्त तक देश की सत्ता पर राज किया लेकिन एक बड़ी आबादी को शौचालय तक मुहैया नहीं करा पाये. उनके राज में अमेठी-रायबरेली की सड़कें तक नहीं सुधरीं.

उन्होंने कहा कि 14 साल तक सरकारी अराजकता के जरिए प्रदेश को विकास की बजाये विनाश की तरफ ले जाने वाले दल भी बदलते उत्तर प्रदेश को देखकर हताश हैं और इस आयोजन की तारीफ करने की बजाय कमियां ढूढ़ने में लगे हैं.

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ऐसे दलों को प्रदेश की जनता 2019 में एक बार फिर जबाब देगी. प्रवक्ता ने कहा कि देश के जाने-माने उद्योगपतियों ने खुले मंच से जिस तरह निवेश के लिए योगी सरकार की सिंगल विन्डो पॉलिसी को सराहा है तो वहीं पिछली सरकारों की यह कहकर पोल भी खोल दी है कि भ्रष्टाचार और बदतर कानून व्यवस्था के चलते लोग उत्तर प्रदेश में कारोबार नहीं करना चाहते थे.

तमाम कारोबारियों ने यह खुलासा भी किया कि किस तरह सपा-बसपा की सरकारों में कारोबार करने के लिए उनसे न सिर्फ सुविधा शुल्क मांगे गये बल्कि उन्हें बिना वजह एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक दौड़ाया गया. गुण्डाराज के चलते भी लोग निवेश करने से डरते थे.

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