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'अखंड भारत' के राम माधव के बयान से BJP ने किया किनारा, कांग्रेस को दिखा संघ का एजेंडा

बीजेपी प्रवक्ता एमजे अकबर ने राम माधव के बयान को लेकर किए गए सवाल पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से 1999 में लाहौर में दिए गए भाषण की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान संप्रभु राष्ट्रों के तौर पर वार्ता करते हैं.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता एमजे अकबर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता एमजे अकबर
स्‍वपनल सोनल/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 11:15 PM IST

बीजेपी ने रविवार को पार्टी महासचिव राम माधव के ‘अखंड भारत’ वाले बयान से खुद को अलग कर लिया है. पार्टी प्रवक्ता एमजे अकबर ने कहा कि माधव को अपनी राय जाहिर करने का हक है, लेकिन बीजेपी और सरकार के लिए भारत और पाकिस्तान दो संप्रभु देश हैं.

इसके उलट कांग्रेस ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता माधव के बयान को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस ने कहा कि भगवा पार्टी को अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए 'हृदय प्रतिरोपण' करवाने की जरूरत पड़ेगी. सीपीएम ने ‘अखंड भारत’ पर माधव की टिप्पणी को पाकिस्तान के साथ शुरू हुई बातचीत को पटरी से उतारने का 'निश्चित तरीका' करार दिया.

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वाजपेयी के भाषण की दिलाई याद
इस मुद्दे पर कई सवालों के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता एमजे अकबर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से 1999 में लाहौर में दिए गए भाषण की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान संप्रभु राष्ट्रों के तौर पर वार्ता करते हैं. अकबर ने कहा, 'और वह तथ्य तो तथ्य है.' यह पूछे जाने पर कि जब पार्टी और सरकार का रुख इतना साफ है तो फिर एक अहम महासचिव ने ऐसे बयान क्यों दिए, इस पर उन्होंने कहा, 'माधव एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्हें अपनी राय जाहिर करने का पूरा हक है. लेकिन सरकार के रुख पर किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है.'

कांग्रेस ने बयान को बताया 'शानदार'
कांग्रेस ने माधव के ‘अखंड भारत’ के विचार को 'शानदार करार दिया, लेकिन यह भी कहा कि इसके लिए बीजेपी को 'बड़े दिल' की जरूरत पड़ेगी. कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने तंज कसते हुए कहा, 'यह एक शानदार विचार है. यह होना चाहिए. उन्होंने भविष्य के बारे में बात की है, लेकिन देश में माहौल खराब हो रहा है. अर्थव्यवस्था की हालत लचर है और महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, इन चीजों का निदान जरूरी है और आपको तो भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों से ही समस्या है.'

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'विचार अच्छा है, लेकिन वह भारत में जिस तरह के ‘कर्म’ कर रहे हैं, उस पर नियंत्रण की जरूरत है. असहिष्णुता नाम का शब्द हमारे शब्दकोषों से हटना चाहिए. सिर्फ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जाने का मतलब यह नहीं है कि आपने असहिष्णुता छोड़ दी है.' वडक्कन ने आगे कहा कि भड़काऊ बयान देने वालों पर लगाम लगनी चाहिए.

पीएम और बीजेपी स्पष्ट करे रुख
सीपीआई ने माधव के बयान को 'काफी भड़काऊ और निंदनीय' करार दिया. वरिष्ठ पार्टी नेता डी राजा ने कहा, 'राम माधव के बयान काफी भड़काऊ और निंदनीय हैं. पाकिस्तान से वार्ता की कोशिशों को पटरी से उतारने का यह सबसे निश्चित तरीका है.' राजा ने कहा कि माधव और आरएसएस दोनों को आज की हकीकत को समझना चाहिए कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान संप्रभु देश हैं. उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ‘अखंड भारत’ पर अपना रख स्पष्ट करें.

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