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सीएम खट्टर बोले- हरियाणा के लिए तैयार होगा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि राज्य के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) साथ मिलकर काम करेगी. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (फोटो-ANI) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (फोटो-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

  • कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के लिए बनेगी समिति
  • मुख्यमंत्री ने जल्द कैबिनेट विस्तार के दिए संकेत

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि राज्य के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) साथ मिलकर काम करेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के लिए एक समतियों का गठन किया जाएगा जिसमें बीजेपी और जेजेपी दोनों दलों के नेता शामिल होंगे. कैबिनेट विस्तार पर मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि विशेष सत्र में कैबिनेट विस्तार का काम होगा.

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बता दें कि मनोहर लाल खट्टर ने दिवाली के दिन रविवार को दूसरे कार्यकाल के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी. विधानसभा की 40 सीटें पाने वाली बीजेपी ने बहुमत न मिलने पर पहली बार गठबंधन सरकार बनाई है.

बीजेपी ने 10 सीटें पाने वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन किया है. 31 वर्षीय जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने खट्टर सरकार में उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

असली चुनौती क्या है?

असल में, हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर भले सरकार बना ली हो, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सिर कांटों भरा ताज है. जाट और गैर-जाट के बीच सामंजस्य बनाने के साथ-साथ जेजेपी ने जिस तरह से चुनाव में वादे किए हैं, उन्हें पूरा करना मनोहर लाल खट्टर के लिए बड़ी चुनौती होगी. जबकि, जेजेपी प्रमुख और डिप्टी सीएम बने दुष्यंत चौटाला अपनी सियासी आधार बढ़ाने के लिए अपने वादों को हर हाल में अमलीजामा पहनाने की कवायद करेंगे.

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दरअसल हरियाणा चुनावी जंग फतह करने के लिए बीजेपी ने 'संकल्प पत्र' और जेजेपी ने 'जन सेवा पत्र' को जारी किया था. दोनों पार्टियां अपने-अपने लोकलुभावन वादे लेकर जनता के बीच उतरे थे. जेजेपी के वादे बीजेपी की अपेक्षाकृत कुछ ज्यादा लोकलुभावन थे.बीजेपी-जेजेपी के घोषणा पत्रों में कई वादे जुदा भी थे. ऐसे में अब जब दोनों ने मिलकर सरकार बनाई है तो उन्हीं वादों पर तालमेल बनाना एक चुनौती बन गया है.

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