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बीजेपी विरोध की रेत पर बना मैसूर महल कब तक टिकेगा: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि कर्नाटक में जिस कांग्रेस की सरकार चली गई और 16 मंत्री चुनाव हार गए, वह इस पर स्थानीय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहरा रही है, लेकिन देवगौड़ा के बेटों की पालकी ढोने का फैसला करने के लिए राहुल गांधी के जयकारे लगा रही है.

सुशील मोदी (फाइल फोटो) सुशील मोदी (फाइल फोटो)
सुजीत झा
  • पटना,
  • 21 मई 2018,
  • अपडेटेड 9:32 PM IST

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कर्नाटक में बने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन पर सवाल उठाते हुए इसके ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाने की भविष्यवाणी की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी को सरकार बनाने से रोकने पर लोकतंत्र पर धब्बे लगना तय है.

सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक में बहुमत से केवल 8 अंकों से पीछे रहने वाली सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने से रोकने के कारण लोकतंत्र पर जो धब्बे लगने वाले हैं, उसके संकेत साफ हैं. 37 विधायकों वाली तीसरे नंबर की जो पार्टी सरकार बनायेगी, उसमें 13 मंत्रियों के साथ उसकी भागीदारी 35 फीसद और 78 विधायकों वाली दूसरे नंबर की पार्टी 20 मंत्री बनाकर भी मात्र 26 फीसद हिस्सेदारी पा सकेगी.

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नहीं टिकेगा रेत का महल

सुशील मोदी ने कहा कि केवल बीजेपी-विरोध की रेत पर बनने वाला मैसूर महल कब तक टिकेगा, पता नहीं. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जिस कांग्रेस की सरकार चली गई और 16 मंत्री चुनाव हार गए, वह इस पर स्थानीय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहरा रही है, लेकिन देवगौड़ा के बेटों की पालकी ढोने का फैसला करने के लिए राहुल गांधी के जयकारे लगा रही है. राजतंत्रात्मक पार्टी में राजकुमार कभी गलत नहीं होता.

डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि पिता की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी का भावुक होना स्वाभाविक था, लेकिन राजनीतिक बयानबाजी कर उन्होंने फिर अपनी अपरिपक्वता ही जाहिर की. अगर उनके पिता ने सिर्फ प्यार करना सिखाया, तो हजारों सिखों की हत्या को स्वाभाविक प्रतिक्रिया बताने वाला शख्स कौन था? उन्होंने दंगा पीड़ित सिखों और शाहबानों-जैसी लाखों तलाकशुदा महिलाओं की जिंदगी से प्यार करना क्यों नहीं सिखाया? भारत के टुकड़े करने की नीयत रखने वालों से प्यार करना किसने सिखा दिया?

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