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मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान में नई जान फूंकने के लिए एक बार फिर से इसके पीछे अपनी ताकत लगाने का फैसला किया है. सरकार ने एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच पूरे देश में ग्राम समृद्धि, स्वच्छता पखवाड़ा मनाने का फैसला किया है.
इसमें ग्रामीण विकास के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय भी भागीदार होगा. इसके तहत सरकार ऐसे कार्यक्रम चलाएगी जिससे गांवों में समृद्धि और स्वच्छता लाने के बारे में चर्चा की जाएगी. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिहं तोमर ने दिल्ली में गुरुवार को इस कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि 11 अक्टूबर को नानाजी देशमुख और जयप्रकाश नारायण के जन्म दिवस के मौके पर सरकार एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी. जिसमें देश भर से ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले ग्यारह हजार लोगों को बुलाया जाएगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य 2019 तक देश के सभी गांवों को सड़क से जोड़ना है. अभी तक 81 फीसदी गांवों को सड़क से जोड़ दिया गया है. विपक्ष सरकार के इस फैसले को लेकर हमेशा सवाल उठाता रहा है. स्वच्छता के तहत प्रधानमंत्री ने सांसदों को एक-एक गांव को गोद लेने का आवाह्न किया था. ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि जिन गांवों को गोद लिया गया है, उनमें बड़ा परिवर्तन आया है.
लेकिन जब नरेंद्र तोमर से ये पूछा गया कि बीजेपी के नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा दावा कर रहे हैं कि गांवों से लेकर शहरों तक रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं तो तोमर इस सवाल को टाल गए. उन्होंने इतना ही कहा कि यशवंत सिन्हा एक वरिष्ठ नेता हैं और उनके कहे पर संबंधित नेता गौर करेंगे. लेकिन सच्चाई ये है कि मोदी राज में गांवों में समृद्धि आई है.