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बीजेपी MP फुले बोलीं- अंबेडकर का हो रहा अपमान, दलितों को नहीं मिल रहा रोजगार

फुले ने कहा,' आंबेडकर का अपमान किया जा रहा है. बहराइच में उनकी मूर्ति को तोड़ा गया जिसको अब तक ठीक नहीं किया गया. मैं इस मामले में कार्रवाई को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिली थी, लेकिन अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई.'

बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले
नीलांशु शुक्ला
  • लखनऊ,
  • 02 जून 2018,
  • अपडेटेड 7:26 PM IST

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में बीजेपी नेताओं ने बाबा साहेब की मूर्ति को दूध से नहलाकर उसका शुद्धिकरण किया है. इतना ही नहीं बीजेपी नेताओं ने अंबेडकर की मूर्ति को दूध से नहलाने के बाद भगवा वस्त्र भी पहनाया.

अब इस पूरे मामले में बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया है. फुले ने कहा, 'अंबेडकर की मूर्ति को भगवा कर दिया गया. वह जब जीवित थे तो इस चीज से नफरत करते थे. फुले यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने कहा, 'उनकी मूर्ति को दूध से धोया गया था. वह भगवान नहीं हैं. उन्होंने संविधान का निर्माण किया था.'

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फुले ने कहा कि अंबेडकर का अपमान किया जा रहा है. बहराइच में उनकी मूर्ति को तोड़ा गया, जिसको अब तक ठीक नहीं किया गया. मैं इस मामले में कार्रवाई को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिली थी, लेकिन अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई.

उन्होंने कहा कि अंबेडकर का लगातार अपमान किया जा रहा है और हर जगह उनकी मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है. इससे बहुजन समाज के लोग निराश महसूस करते हैं.

एससी-एसटी एक्ट कमजोर पड़ने से नुकसान

फुले ने कहा कि एससी-एसटी अधिनियम के कमजोर पड़ने से दलित समुदाय के लोगों को भी नुकसान पहुंचा है. देशभर में विरोध-प्रदर्शन के दौरान उन पर हमला किया गया था. प्रदर्शन में जिन लोगों की हत्या हुई थी उनको मुआवजा भी नहीं मिला.

बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ मुखर फुले ने कहा, 'मुझे लगता है कि बहुजन समुदाय के लोगों को बचाने के लिए सख्त कानून की आवश्यकता है. मैं केंद्र सरकार से मांग करती हूं कि बहुजन समुदाय के लोगों की रक्षा के लिए सख्त कानून बनाया जाए. हर घंटे हमारे समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. समाज में उनको कोई सम्मान नहीं मिल रहा है. बहुजन समाज के लोग अगर आवाज उठा रहे हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जा रहा है.

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'बहुजनों को नहीं मिल रहा रोजगार'

फुले ने पीएम मोदी के 'सबका साथ सबका विकास' नारे को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, "सबका साथ, सबका विकास' का वादा किया गया था, लेकिन बहुजन समाज के लोगों को नजरंदाज किया जा रहा है. उनके पास रोजगार नहीं है. लोगों को दिन में दो बार का भोजन भी मिलना मुश्किल है. बहुजन समाज के लोगों को रोजगार मिलना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण दिया है, लेकिन केंद्र इसका अनुपालन नहीं कर रहा है.'

उन्होंने कहा, 'कई क्षेत्रों में रिक्तियां हैं, बहुजन समाज के लोगों को रोजगार दिया जा रहा. विश्वविद्यालयों में भी इन लोगों को आवास मिलना चाहिए. एससी-एसटी और ओबीसी को निजी क्षेत्र में आरक्षण देना चाहिए.'

'दलितों के घर भोजन करना दिखावा'

यह कोई पहला मौका नहीं है कि सावित्री बाई फुले ने अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया है. बीजेपी नेताओं द्वारा दलितों के घर खाना खाने पर उन्होंने इसे दिखावा करार दिया था. वरिष्ठ बीजेपी नेताओं द्वारा दलितों के घर खाना खाये जाने के बारे में पूछे गये एक सवाल पर उन्होंने कहा था कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भारत के संविधान में जाति व्यवस्था को खत्म करते हुए सबको बराबर की जिंदगी जीने का अधिकार दिया, लेकिन आज भी अनुसूचित जाति के प्रति लोगों की मानसिकता साफ नहीं है.

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उन्होंने कहा, 'लोग उनके घर में खाना खाने तो जाते हैं, लेकिन उनका बनाया हुआ खाना नहीं खाते. उनके लिये बाहर से बर्तन आते हैं, बाहर से खाना बनाने वाले आते हैं, वे ही परोसते भी हैं. दिखावे के लिये दलित के दरवाजे पर खाना खाकर फोटो खिंचवायी जा रही है और उन्हें व्हाट्सअप, फेसबुक पर वायरल किये जाने के साथ-साथ टीवी चैनलों पर चलवाकर वाहवाही लूटी जा रही है. इससे पूरे देश के बहुजन समाज का अपमान हो रहा है.'

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