
राजस्थान में बीजेपी के कद्दावर नेता घनश्याम तिवारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बीजेपी ने घनश्याम तिवारी को अनुशासनहीनता का कारण बताओ नोटिस भेजते हुए 10 दिन में जवाब मांगा है.
केंद्रीय अनुशासन समीति से शिकायत
बीजेपी के वरिष्ठ नेता विधानसभा चुनाव में जयपुर के सांगानेर विधानसभा से सर्वाधिक वोटों से जीतें लेकिन कई बार मंत्री रहे तिवारी को वसुंधरा राजे ने इस बार मंत्रिमण्डल में जगह नहीं दी थी. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से घनश्याम तिवारी के 36 के आंकड़ें रहे हैं. लेकिन मंत्री नहीं बनाए जाने से खफा तिवारी ने वसुंधरा राजे के खिलाफ कभी परोक्ष तो कभी अपरोक्ष रुप से हमला बोलना जारी रखा था. तिवारी का प्रदेश बीजेपी के नेताओं में कद इतना बड़ा है कि कभी किसी ने इनके खिलाफ खुलकर नहीं बोला. लेकिन वसुंधरा राजे के करीबी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने तिवारी की शिकायत केंद्रीय अनुशासन समीति से की.
दस दिन में मांगा जवाब
इसके बाद केंद्रीय अनुशासन समीति के अध्यक्ष गणेशी लाल ने तिवारी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि आप पिछले दो वर्षों से लगातार पार्टी के विरुद्ध गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. साथ ही ये भी कहा कि तिवाड़ी लगातार पार्टी की बैठकों में अनुपस्थित रहते हैं और विपक्षी दलों के साथ मंच साझा करते हैं. तिवारी पर दीन दायल वाहिनी नाम से समानांतर राजनीतिक मंच भी खड़ा करने के आरोप लगे हैं. नोटिस में कहा गया है कि पार्टी विरोधी कामों की जानकारी देने के बावजूद घनश्याम तिवाड़ी इसे अनसुना करते रहे. नोटिस में कहा गया कि दस दिन के अंदर अनुशासन समीति को अपना जवाब भेजें नहीं तो पार्टी उनके खिलाफ कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगी.
दरअसल, तिवारी विधानसभा के अंदर भी विपक्ष के साथ मिलकर सभी मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं. खासकर उन मुद्दों पर ज्यादा हमलावर रहे हैं जो सीधे वसुंधरा राजे से जुड़ा हों. यहां तक की वसुंधरा राजे के खिलाफ विधायकों के गुप्त मतदान की भी मांग कर दी थी. तिवारी के इस कृत्य को पार्टी ने पार्टी संविधान की धारा 25 (च) के तहत अनुशासनहीनता माना है.
घनश्याम तिवारी का कहना है कि उन्हें अभी नोटिस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि नोटिस मिलने पर ही कुछ कह पाऊंगा. लेकिन जिस अंदाज में पार्टी ने नोटिस थमाया है, उससे एक बात तो साफ है कि घनश्याम तिवारी के लिए पार्टी में बने रहना आसान नहीं रहेगा. तिवारी भैरोसिंह शेखावत से लेकर पिछली वसुंधरा सरकार तक में मंत्री रह चुके हैं.