
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इमरजेंसी के खिलाफ देश भर में दिन भर काला दिवस मनाने जा रही है. आज 26 जून है, 43 साल पहले आज के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल का ऐलान किया था. 43 साल पहले 26 जून को सुबह 8 बजे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल का ऐलान किया था.
'क्या बोलीं थी इंदिरा...'
26 जून को सुबह 8 बजे ऑल इंडिया रेडियो पर लोगों ने इंदिरा गांधी की आवाज जब सुनी तो आंखें खुली की खुली रह गईं. उन्होंने रेडियो पर अपने संबोधन में कहा, 'भाइयों और बहनों, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा कर दी है. इससे आतंकित होने का कोई कारण नहीं है. प्रेसीडेंट ने इमरजेंसी लगा दी है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है.'
तब से लेकर इंदिरा गांधी की चुनाव में शिकस्त और चुनाव जीत के साथ सत्ता में वापसी का लंबा दौर गुजर चुका है. आज 43 साल बाद बीजेपी ने इमरजेंसी के उस काले दौर पर विरोध का नया रंग चढ़ाने की तैयारी की है. कांग्रेस को इमरजेंसी का आईना दिखाने की कवायद जोर-शोर से शुरू हो चुकी है.
'इंदिरा ने वही किया जो हिटलर ने किया'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इंदिरा गांधी और जर्मनी के तानाशाह हिटलर की तुलना करते हुए लिखा है कि इंदिरा और हिटलर दोनों ने आम लोगों के लिए बने संविधान को तानाशाही के संविधान में बदल दिया. हिटलर ने ज्यादातर विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करवा लिया था और अपनी अल्पमत की सरकार को बहुमत की सरकार में बदल दिया था. इंदिरा गांधी ने भी यही किया.
बेमतलब का मुद्दा बना रही बीजेपी- कांग्रेस
इमरजेंसी को लेकर बीजेपी नेताओं के तीखे हमलों का सिलसिला जारी है. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने आपातकाल को सबसे काला दिन बताया. हालांकि, इमरजेंसी के मुद्दे पर बैकफुट पर आई कांग्रेस अब इसे बेमतलब का मुद्दा मानती है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि 43 साल बाद मुद्दा विहीन सरकार वही राग अलाप रही है. इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी ने कहा कि गलती हुई और उसको हमने स्वीकार किया.
कांग्रेस के दामन पर लगे इमरजेंसी के दाग को बीजेपी आज दिन भर देश भर को दिखाने जा रही है. इस इमरजेंसी विरोधी यज्ञ के हवन में आहूती देने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित तमाम दिग्गज नेता देश भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह खुद अहमदाबाद में होंगे.
लखनऊ में लोकतंत्र रक्षक सेनानी सम्मान समारोह का आयोजन होगा, जहां मुख्तार अब्बास नकवी और यूपी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे मौजूद होंगे. इसी तरह मध्य प्रदेश में अनंत कुमार, राजस्थान में प्रकाश जावड़ेकर, उत्तराखंड में जे पी नड्डा और ओडिशा में स्मृति इरानी इमरजेंसी के मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चे पर तैनात रहेंगी. आंध्र प्रदेश और कनार्टक में इसकी कमान जनरल वी के सिंह और एम जे अकबर के पास होगी.
कांग्रेस की रणनीति मौजूदा समस्याओं को लेकर बीजेपी पर पलटवार करने की है. कांग्रेस की दलील है कि बेरोजगारी, दलितों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी पुराने मुद्दों पर राजनीति कर रही है.