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PM मोदी ने मंत्र‍ियों से कहा- सांसदों से डिनर पर मिलें और उनकी समस्याएं निपटाएं

सत्ता के गलियारों तक पहुंचते ही खुद बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता ही अपने मंत्रियों के खिलाफ शिकायतों की पोटली खोलने के लिए तैयार बैठे हैं. ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भी पहुंच ही गई. फिर क्या था अनुशासन और अपने कड़े रुख के लिए मशहूर मोदी ने 6 वरिष्ठ मंत्रियों की ड्यूटी लगाई की वो पार्टी सांसदों से बाकायदा डिनर पर मिले और उनकी समस्याओं का निबटारा करें.

पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पीएम मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
सबा नाज़/रीमा पाराशर
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST

सत्ता हाथ लगते ही नेता बाकी सब भूलने लगते हैं सत्ता की चमक में ये भी याद नहीं रहता की जिनके दम पर यहां तक पहुंचे उनके साथ संवाद बनाए रखना कितना जरूरी है. नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.

सत्ता के गलियारों तक पहुंचते ही खुद बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता ही अपने मंत्रियों के खिलाफ शिकायतों की पोटली खोलने के लिए तैयार बैठे हैं. ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भी पहुंच ही गई. फिर क्या था अनुशासन और अपने कड़े रुख के लिए मशहूर मोदी ने 6 वरिष्ठ मंत्रियों की ड्यूटी लगाई कि‍ वो पार्टी सांसदों से बाकायदा डिनर पर मिले और उनकी समस्याओं का निबटारा करें.

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पार्टी सांसदों को 60-60 के ग्रुप में बांटा गया और डिनर पर पहली मुलाकात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और दूसरी गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ रखी गई. पहली मुलाकात में खुद प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद थे. सूत्रों की माने तो बैठक में कई सांसदों ने मोदी से शिकायत की कि मंत्री से मिलने के लिए पार्टी सांसदों को कई दिन चक्कर काटने पड़ते हैं काम करवाना तो दूर की बात है.

राजनाथ से प्रवेश वर्मा ने की शिकायत
गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई डिनर मीटिंग में पार्टी सांसद प्रवेश वर्मा ने अमित शाह के सामने ये तक कह डाला कि जानबूझकर एक केंद्रीय मंत्री उनके संसदीय क्षेत्र के प्रोजेक्ट्स को रोकने में लगे हैं. जिनसे जनता का नुकसान तो हो ही रहा है पार्टी की इमेज भी खराब हो रही है. प्रवेश वर्मा की बात का समर्थन कई और सांसदों ने भी किया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों को नसीहत दी की वो बतौर सांसद अपनी शक्ति को पहचाने. अपने क्षेत्र का जिम्मा पूरी तरह अपने हाथ में ले और केंद्र की नीतियों को पहुचायें.

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पीएम लेंगे बदलाव की रिपोर्ट
सांसदों की शिकायतों को सुलझाने के लिए मनोहर पर्रिकर, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी के साथ भी ऐसे डिनर रखे जाएंगे. दरअसल आगामी चुनाव को देखते हुए संघ की तरफ से भी पार्टी आलाकमान को संकेत दिए गए हैं कि मंत्रियों के व्यवहार में कार्यकर्ताओं के लिए आया बदलाव पार्टी के लिए घातक साबित हो सकता है. इसलिए समय रहते पार्टी सांसदों की नाराजगी को दूर करना बेहद जरूरी है. सभी मंत्रियों के साथ डिनर मीटिंग हो जाने के बाद प्रधानमंत्री खुद सांसदों से बदलाव की रिपोर्ट लेंगे ताकि देख सके की आखिर सत्ता सुख से निकलकर मंत्री आम आदमी और कार्यकर्ता से किस हद तक जुड़े है.

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