
महाराष्ट्र की राजनीति में जब से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हाथ से सत्ता गई है तभी से पार्टी के भीतर सियासी घमासान मचा हुआ है. पार्टी की सीनियर नेता पंकजा मुंडे ने एक बार फिर बीजेपी की बैठक से दूरी बना ली है. बीजेपी ने मराठवाड़ा क्षेत्र में एक अहम बैठक बुलाई थी, जिसमें पंकजा मुंडे शामिल नहीं हुईं.
समर्थकों से रैली में शामिल होने की अपील
पंकजा मुंडे ने शीर्ष नेतृत्व से कहा कि वो 12 दिसंबर को होने जा रही अपनी रैली की तैयारियों में व्यस्त हैं. बता दें कि पंकजा ने अपने समर्थकों से रैली में शामिल होने की अपील की है. बताया जा रहा है कि पंकजा मुंडे इस रैली में अपनी चुनावी हार और आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेंगी.
दावा ये भी किया जा रहा है कि पंकजा मुंडे बीजेपी के खिलाफ दबाव की राजनीति कर रही हैं. हालांकि, इन आरोपों का उन्होंने खंडन किया था. इससे पहले बीजेपी के दिग्गज नेता एकनाथ खडगे ने भी पार्टी के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
वहीं एकनाथ खडगे ने मंगलवार को शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इससे पहले वे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से भी मिल चुके हैं. इस तरह हालिया घटनाक्रम को देखा जाए तो राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी कलह से जूझ रही है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं पर खडसे का आरोप
गौरतलब है कि एकनाथ खडसे ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया. खडसे ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोगों ने अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग ही पंकजा मुंडे और रोहिणी खडसे की हार के लिए जिम्मेदार हैं. खडसे ने कहा कि मैंने ऐसे लोगों के नाम पार्टी को दे दिए हैं और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.