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नोट बंद करने और ओआरओपी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की विपक्ष की मंशा के बीच बुधवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र की रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह सहित शीर्ष नेताओं वाले बीजेपी संसदीय दल की बैठक सोमवार को होगी. वहीं विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है. विरोधी पार्टियों की संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च की तैयारी है.
पार्टी का मानना है कि 1000-500 रुपये मूल्य वाले नोट को चलन से बाहर करने से लोगों में सकारात्मक राय बनी है, लेकिन बैंकों और एटीएम के बाहर नकदी के लिए घंटों कतार में खड़े होने के कारण बड़े स्तर पर हो रही असुविधा से कांग्रेस, टीएमसी, सपा, बसपा समेत अन्य को लगे हाथ मुद्दा मिल सकता है. दावा करते हुए कि नोट मुद्दे से आगामी विधानसभा चुनावों में उसे मदद मिलेगी, पार्टी के एक नेता ने कहा कि नोट बंद करने और ओआरओपी जैसे मुद्दों पर हमारे पास छिपाने और आशंका करने की कोई वजह नहीं है. संसद में पार्टी के रूख का साफ संकेत देते हुए शाह ने विपक्षी दलों पर यह कहते हुए हमला किया है कि वे सभी इस कदम से परेशान हैं जो कि कालाधन, जाली मुद्रा, नशीले पदार्थ और ऐसी गतिविधियों से जुड़े हैं.
वहीं लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है, जो कि 16 दिसंबर तक चलेगा. मंगलवार को सरकार ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है. लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे में ने कहा कि कांग्रेस शीतकालीन सत्र में नियम 56 और 193 के तहत नोटबंदी का मुद्दे उठाएंगी. राज्य सभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा ने पहले से ही इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य सभा के नियम 267 के तहत नोटिस दिया हुआ है.
नोटबंदी के फैसले के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्षी राजनीतिक दलों को एकजुट करने में जुट गई हैं. ममता ने इसके लिए अपनी प्रतिद्वंदी वामदलों से समर्थन मांगा है. ममता ने सीताराम येचुरी से अनुरोध किया है कि वे बीजेपी और इसके जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ दें.