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जानिए कैसे अस्तितव में आई भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में की गई. 1951 से 1977 तक इसकी पहचान भारतीय जन संघ के नाम से थी. उसके बाद 1977 से 1979 तक इसे जनता पार्टी के नाम से जाना जाता था. भाजपा को हिंदुत्व की अवधारणा पर चलने के कारण राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ या आरएसएस की राजनीतिक इकाई भी कहा जाता है.

भारतीय जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में की गई. 1951 से 1977 तक इसकी पहचान भारतीय जन संघ के नाम से थी. उसके बाद 1977 से 1979 तक इसे जनता पार्टी के नाम से जाना जाता था. जानिए भारतीय जनता पार्टी के अब तक के सफर से जुड़ी कुछ अहम बातें.

1. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना भारतीय जन संघ के नाम से श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में की थी.
2. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की स्थापित की गई भारतीय जनसंघ का चुनाव चिह्न 'दीपक' हुआ करता था. 1977 में भारतीय जनसंघ को जनता पार्टी कहा जाने लगा और उसका चुनाव चिह्न 'हलधर किसान' हो गया. 1980 में जब पार्टी भारतीय जनता पार्टी बनकर उभरी तो इसका चुनाव चिह्न कमल का फूल रखा गया.
3. जिन कारणों से भारतीय जनता पार्टी विवादों में रही है वह मुद्दे हैं- अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना, जम्मू-कश्मीर में लागू संविधान की धारा 370 की समाप्ति और समान नागरिक संहिता लागू करना.
4. दिसंबर 1980 में मुंबई में भारतीय जनता पार्टी का पहला अधिवेशन हुआ.
5. भारतीय जनता पार्टी ने 1984 में पहली बार आम चुनाव में दो सीटें जीतकर अपना खाता खोला.
6. 1996 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी. पहली बार भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी.
7. बिहार में विधानसभा चुनाव की लहर जोरों पर है ऐसे में इस पार्टी की कमान जिन लोगों के हाथ में हैं वह हैं- सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव, सीपी ठाकुर, राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह, गोपाल नारायण सिंह, भोला सिंह, अश्विनी चौबे, मंगल पाण्डेय, रवि शंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन.
8.1999 में भाजपा ने 23 सहयोगी पार्टियों के साथ मिलकर आम चुनाव लड़ा और गठबंधन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नाम दिया.
9. बिहार की राजनीति में भाजपा के ये नेता रहे हैं आगे- सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव, मंगल पाण्डेय, रवि शंकर प्रसाद, सीपी ठाकुर, राधा मोहन सिंह, भोला सिंह, अश्विनी चौबे, गिरिराज सिंह, गोपाल नारायण सिंह, शाहनवाज हुसैन.
10. बिहार के वे नेता जो संसद में हैं मौजूद- रविशंकर प्रसाद, आरके सिन्हा, धर्मेद्र प्रधान, और सीपी ठाकुर.

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