Advertisement

पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार का एक्शन जानने के लिए वहां के अखबार देखिएः अमित शाह

बीजेपी की एकला चलो रे की रणनीति और कांग्रेस मुक्त भारत के सवाल पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि बीजेपी का एकला चलो रे का नारा नहीं है. हम सबका साथ सबका विकास चाहते हैं और इसके लिए सबको साथ रखना चाहते हैं. जहां तक कांग्रेस मुक्त भारत का सवाल है. 2014 के आम चुनाव में हिंदुस्तान की जनता ने वो काम कर दिया है.

BJP President Amit Shah BJP President Amit Shah
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

एजेंडा आजतक के मंच पर बीजेपी की एकला चलो रे रणनीति के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. शाह ने बीजेपी की एकला चलो रे की रणनीति और कांग्रेस मुक्त भारत के सवाल पर कहा कि बीजेपी का एकला चलो रे का नारा नहीं है. हम सबका साथ सबका विकास चाहते हैं और इसके लिए सबको साथ रखना चाहते हैं. जहां तक कांग्रेस मुक्त भारत का सवाल है. 2014 के आम चुनाव में हिंदुस्तान की जनता ने वो काम कर दिया है. राज्यों की बात करें तो 15 राज्यों में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं है. लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल के लिए भी वे पात्रता हासिल नहीं कर पाए. हर नए चुनाव के साथ हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. इसके लिए हमने कोई साल या समय अवधि नहीं रखी है. जैसे जैसे चुनाव हो रहे हैं, लक्ष्य हासिल हो रहा है. तस्वीरें: जब नो बॉल फेंकता हूं, तो मांफी भी मांग लेता हूं: अमित शाह

Advertisement

सवालः सहयोगी शिकायत करते हैं कि बहुमत पाने के बाद बीजेपी घमंडी हो गई, गठबंधन धर्म कमजोर हो रहा है?
जवाबः गठबंधन दोनों पक्षों की एक दूसरी की ताकत समझने की क्षमता पर निर्भर करता है. इसी समझ से गठबंधन टिक सकता है. हमने शिवसेना से कभी गठबंधन नहीं तोड़ा. दुर्भाग्य है कि सहमति चुनाव के पहले नहीं बनी. चुनाव के बाद भी हमने बीएमसी में शिवसेना से समर्थन वापस नहीं लिया. न ही मोदी कैबिनेट से उनके प्रतिनिधि को हटाया गया. और देखिए, अब महाराष्ट्र में साझा सरकार चल रही है.

सुखविंदर सिंह की आवाज में 'वंदे मातरम' से हुआ एजेंडा आज तक का आगाज

सवालः अकाली इस रुख से ज्यादा परेशान हैं
जवाबः शाह- मेरा बादल साहब से ठीक ठीक संवाद है. कोई परेशानी नहीं है. बस मीडिया अटकलें लगाना बंद कर दे. मगर सबको यह ध्यान रखना होगा कि अगर किसी पार्टी की जनता में स्वीकृति बदल रही है, बढ़ रही है, तो सहयोगियों को ये समझना होगा. हम बड़ी नम्रता से पंजाब में भी गठबंधन बनाए रखने की कोशिश करेंगे.

Advertisement

सवालः जम्मू कश्मीर के मिशन 44 पर कुछ बताइए.
जवाबः ये मेरा निजी मिशन नहीं है. जम्मू कश्मीर में बीजेपी की सरकार का पार्टी का सपना है. और मुझे उम्मीद है कि चुनाव के बाद भी यही सपना पूरा होगा. वोटर हिंदू मुस्लिम के हिसाब से नहीं बंटा है. वह विकास चाहता है. आप लोगों को भी इससे आगे बढ़ना होगा.

सवालः आर्टिकल 370 पर क्या कहेंगे आप. क्या अब ये एजेंडे में नहीं है?
जवाबः हम अपने घोषणा पत्र पर कायम हैं. जम्मू कश्मीर में हमने विकास का एक डॉक्युमेंट रखा है. घाटी में 24 घंटा बिजली नहीं है. पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था नहीं है. बस भावनात्मक मुद्दों पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. मैं घाटी में कई जगह घूमा. अपनी आंखों से मैंने परिवर्तन देखा है.

सवालः आप मोदी सरकार को छह महीने के प्रदर्शन के बाद कितने नंबर देंगे.
जवाबः 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार आई है. काफी समय के बाद सच्ची दिशा में चलने वाली सरकार आई है. हमें पिछली सरकार ने जो चीजें सौंपी थीं. उसे आगे बढ़ाने के लिए हमने काफी प्रयास किया है. हम एक एक कर अपने चुनावी घोषणापत्र को लागू कर रहे हैं. मैं मार्क्स देने की थ्योरी में यकीन नहीं रखता. मोदी सरकार सही दिशा में काम कर रही है.

Advertisement

सवालः काले धन के मुद्दे पर क्या कहेंगे. कहा गया कि हर आदमी को तीन लाख मिलते हैं.
जवाबः देखिए ये बात करने का तरीका होता है. कोई भी आदमी समझ सकता है कि जो काला धन आएगा वो लोगों के खाते में नहीं जाएगा. देश के विकास में इस्तेमाल होगा. मैं आपकी बात समझ रहा है. कुछ कानूनी अड़चनें हैं इंटनेशनल एग्रीमेंट के चलते. हम इसमें पक्का सफल होंगे. हमें इतने बड़े प्रयास को तीन लाख या पंद्रह लाख के जुमले के साथ नहीं जोड़ना चाहिए.

सवालः कांग्रेस के यू टर्न सरकार के आरोपों पर आप क्या कहेंगे.
जवाबः कांग्रेस ने पाकिस्तान से वार्ता नहीं रोकी. गोलीबारी का जवाब नहीं दिया. हमने किया है ये. पॉलिसी पैरेलिसिस था. अब हालात बदल गए हैं. अगर ऐसा होता, तो ये नतीजे नहीं मिलते. बाकी जनता सब देख समझ रही है.

सवालः मिशन बंगाल की भी काफी चर्चा है. क्या वहां अगले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी पं. बंगाल में विकल्प बन पाएगी.
जवाबः मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि हम काफी बेहतर करेंगे. रही मेरी सक्रियता या बयानों की बात तो बर्दमान ब्लास्ट में मैंने पब्लिस परसेप्शन को जो लोग सोच रहे हैं. उसको बोला है. मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं. लोग जो सोच रहे हैं, उसे मुखर करना मेरा काम है. ये आरोप ममता बनर्जी के खिलाफ निजी नहीं हैं. उनकी सरकार के खिलाफ हैं. अगर उन्हें लगता है कि एनआईए गलत कर रही है, तो पं बंगाल की मुख्यमंत्री कह दें कि गिरफ्तार किए गए लोग निर्दोष हैं. सीबीआई के मिस यूज की परंपरा कांग्रेस की रही है और इंदिरा जी के जमाने से रही है. सोनिया जी के समय़ ये नई ऊंचाइयों पर पहुंचा.

Advertisement

सवालः आपके सांसदों के बयानों पर काफी बवाल मच रहा है. कोई गोडसे पर, तो कई कनवर्जन पर बात करता है.
जवाबः इस देश में सबको अपनी बात कहने की आजादी है. मैं बीजेपी अध्यक्ष के नाते इन कही गई बातों का समर्थन नहीं करता हूं. लव जेहाद बीजेपी का नहीं मीडिया का शब्द है. ये लॉ एंड ऑर्डर और महिला के शोषण का मामला है. अगर ये होता है तो इसमें कानून काम करेगा. इसको जनरलाइज नहीं किया जा सकता. ये क्राइम है. इसका केस टु केस डील किया जाता है. कल वैंकेया नायडू जी ने संसद में एक बयान दिया है. सभी पार्टियों को इकट्ठा करके धर्मांतरण के खिलाफ कानून संसद में लाएं. मैं अपील करता हूं. मगर कोई नहीं आएगा. आप और पार्टियों को पूछिएगा कि आप कानून बनाने के लिए क्यों नहीं आगे आ रहे. आप बताइए कि कनवर्जन मीडिया से रुकेगा या कानून से. नायडू जी ने सभी पार्टियों से अपील की है. जबरदस्ती का आरोप गलत है. हम भी तो यही कह रहे हैं कि जोर जबरदस्ती से धर्मांतरण नहीं होना चाहिए. हम भी तो यही कानून चाहते हैं. मैं आपको गारंटी देता हूं कि कोई पार्टी वोट बैंक के लालच में इसके समर्थन में नहीं आएगी. आगरा प्रकरण में हम मीडिया ट्रायल नहीं कर सकते. कानून अपना काम कर रहा है. मैं साक्षी महाराज के कहे पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. उन्होंने अपनी सफाई दे दी. मेरे हिसाब से नाथूराम गोडसे क्या था, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.

Advertisement

सवालः इन तत्वों को छूट क्यों मिल रही है.
जवाबः मैंने पहले भी कहा. ऐसे बयान पहले भी रहे. मगर अब हम सत्ता में हैं तो ज्यादा चर्चा होती है. मगर बीजेपी के सांसदों को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए.

सवालः दिल्ली में क्या केजरीवाल फिर परेशान करेंगे.
जवाबः मैं चिंता से चुनाव नहीं लड़ता. प्लानिंग और रणनीति से संगठन के आधार पर लड़ा जाता है. हम वर्षों से चुनाव हारने के आदी रहे हैं. तब भी आत्मविश्वास से लड़ते थे. अब तो जो है आप देख ही रहे हैं.

सवालः अमित शाह के आत्मविश्वास की कुंजी क्या है.
जवाबः हम लुटियंस के मूड के आधार पर निर्णय नहीं करते. देश की जनता के मूड के आधार पर करते हैं. क्या क्या बातें कही गईं एक साल में. मोदी जी को नेता न बनाएं. बना दिया तो बहुमत नहीं आएगा. आ गया तो देश की जनता में दंगा फैल जाएगा. दिल्ली में हम अच्छे बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे. जनता हमारे साथ है. हमने अभी सीएम पर अपना कैंडिडेट तय नहीं किया है. सही समय पर फैसला करेंगे.

सवालः क्या ये बीजेपी की नई रणनीति है. सीएम अनाउंस न करना. एक धारणा बन रही है कि अब संघ पृष्ठभूमि के लोगों को ही वरीयता दी जा रही है.
जवाबः ये अब से है. अटल जी, आडवाणी जी कौन थे. आरएसएस के प्रचारक थे. ये आज से नहीं चल रहा है. अब आप लोगों को दिखाई देने लगा है. आज भी संघ के अलावा दूसरी पृष्ठभूमि से आए बीजेपी के लोग भी शीर्ष पर पहुंच रहे हैं. बाकी संघ से व्यक्ति आएगा तो देश के लिए अच्छा ही होगा. बीजेपी के सभी राजनीतिक फैसले बीजेपी करती है. इसमें आरएसएस का कोई दखल नहीं है.

Advertisement

सवालः पाकिस्तान पर बीजेपी का क्या रुख होगा.
जवाबः हम देश के हितों को ताक पर रखकर मीडिया परसेप्शन या दुनिया के सामने इमेज बनाने के लिए काम नहीं करेंगे. रही बात जवाब देने की तो हर चीज कहने की नहीं होती. आप पाकिस्तान के अखबार ध्यान से देख लीजिए.

खरे खरे बोल शाह के
1. एक व्यक्ति के मुंह से बयान निकल गया, तो माफी मांग ली न. मैंने सांसदों को बोला है. अब मीडिया के सामने, तो नहीं डांटूंगा न. और प्रचार क्यों न करें साध्वी. अब क्या वह राजनीति छोड़ दें. कितनों की छुड़वाई आपने.

2. महंगाई सिर्फ डीजल पेट्रोल के दाम कम करके कम नहीं होगी. सरकार को विकास के लिए पैसे भी चाहिए. महंगाई हर स्तर पर कम होगी.

3. मेरी छवि क्यों और कैसी बनी. मैं विश्लेषण नहीं करता. मैं शुद्ध रूप से चुनाव आयोग के निर्देशों पर चुनाव लड़ता हूं. कभी नो बॉल फेंक देता हूं, तो माफी भी मांग लेता हूं. देश में पहले भी दंगे होते रहे. अब चूंकि बीजेपी लगातार जीत रही है, तो इसे हमसे जोड़ दिया जाता है. आप नजरिया बदल लीजिए, सब ठीक नजर आने लगेगा.

4. मोदी जी से पहले किस पीएम ने सार्वजनिक मंच पर काले धन का मुद्दा उठाया है. किसने पहली कैबिनेट मीटिंग में एसआईटी बनाई काले धन पर. यूपीए आया था, तो पहली मीटिंग में पोटा हटाया गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement