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अमित शाह ने विपक्ष से पूछे सवाल, EVM से जीतने पर सत्ता क्यों संभाली?

लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के बाद से ही विपक्ष ईवीएम को लेकर भाजपा पर हमलावर है. विपक्ष की मांग है कि  VVPAT की कम से 50 प्रतिशत पर्चियों का मिलान किया जाए. चुनाव आयोग द्वारा इस मांग को ठुकराने के बाद बीजेपी में एकतरफ जोश बढ़ गया है दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां इस फैसले पर नाराजगी जता रही हैं. 

अमित शाह (फाइल फोटो) अमित शाह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2019,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के बाद से ही विपक्ष ईवीएम को लेकर भाजपा पर हमलावर है. विपक्ष की मांग है कि  VVPAT की कम से 50 प्रतिशत पर्चियों का मिलान किया जाए. चुनाव आयोग द्वारा इस मांग को ठुकराने के बाद एक तरफ बीजेपी में जोश बढ़ गया है. दूसरी तरफ विपक्ष ने इस पर हमले और तेज कर दिए हैं.

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष पर लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है. अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, "EVM का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है. हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही हैं."

अमित शाह ने कहा, "मैं इन सभी पार्टियों से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं." इसके बाद शाह ने विपक्ष से 6 सवाल पूछते हुए लगातार कई ट्वीट किए.

सवालों के बीच उन्होंने कहा, "इसके बाद चुनाव आयोग ने EVM को VVPAT से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया.  VVPAT प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ है. प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?" उन्होंने आगे कहा, "EVM पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास हैं, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए."

बता दें कि विपक्ष की मांग है कि अगर किसी बूथ पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं मिलता तो उस विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए और उनका मिलान ईवीएम के नतीजों से किया जाए. चुनाव आयोग ने बुधवार को लंबी बैठक कर वीवीपैट पर्चियों की गिनती की प्रक्रिया से करने से इंकार कर दिया है.

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आयोग ने कहा, जो पहले से तय है, उसी अनुरूप में पर्चियों का मिलान होगा. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी पर्चियों के मिलान का प्रतिशत बढ़ाने वाली मांग की याचिका खारिज कर चुका है.

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