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पानी की किल्लत को लेकर BJP कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, जल बोर्ड के दफ्तर में की तोड़फोड़

विरोध कर रही महिलाओं ने कहा कि उनके इलाके में काफी वक्त से पानी की किल्लत बनी हुई है और जल बोर्ड कोई सुनवाई नहीं करता.

बीजेपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन बीजेपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
सुशांत मेहरा/सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2018,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST

साउथ दिल्ली में पानी की किल्लत ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. इसी मुद्दे को लेकर साउथ दिल्ली के सांसद रमेश बुधुड़ी की अगुवाई में सोमवार को मटका फोड़ विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी कार्यकर्तों का ये प्रदर्शन साउथ दिल्ली के छतरपुर इलाके से दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तर तक हुआ. जिसमें भारी संख्या में महिलओं ने हिस्सा लिया. गुस्साई महिलाओं ने जल बोर्ड के दफ्तर पर मटके फोड़े और दफ्तर में तोड़फोड़ भी की.

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जल बोर्ड के दफ्तर पर महिलाओ का फूटा गुस्सा  

इस दौरान संसद रमेश बुधुड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार एक तरफ पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर रही है वहीं दूसरी ओर दिल्ली में पानी की किल्लत ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है. साथ ही रमेश बुधुड़ी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पानी के टैंकर इलाके में टाइम से पानी नहीं देते हैं. अगर टैंकर इलाके में पहुंच भी जाता है तो वो कुछ लोगों तक ही जाता है. जो खुद उनकी पार्टी के ही लोग हैं. विरोध कर रही महिलाओं ने कहा कि उनके इलाके में काफी वक्त से पानी की किल्लत बनी हुई है और जल बोर्ड कोई सुनवाई नहीं करता.

छतरपुर के रहने वाले राम कुमार ने बताया कि इस पूरे इलाके में पानी की लाइन डाली हुई है, लेकिन लाइन डालने के बावजूद पिछले 25 दिनों से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. लोगों का आरोप है कि टैंकर वाले उनसे पैसे लेकर पानी देते हैं. फिलहाल पानी को लेकर सयासी घमसान जारी है.

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बता दें कि रविवार को कांग्रेस पार्टी ने जल सत्याग्रह की मुहिम को चलाते हुए दिल्ली के एंड्रयू गंज में 'जल सत्याग्रह' की मुहिम चलाई. एंड्रयू गंज में कांग्रेस दिल्ली अध्यक्ष अजय माकन ने मटके फोड़कर केजरीवाल सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका. अजय माकन ने कहा कि पहले कांग्रेस के समय में पानी की किल्लत नहीं थी. मगर हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराने वाली केजरीवाल सरकार पानी के प्रबंध में पूरी तरह नाकाम है. यहां पर गुरुद्वारे के ग्रंथि को भी पानी टॉयलेट से लाना पड़ता है.

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