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BJP-RSS में मंथन शुरू, आर्थिक हालात और सरकार की नीतियों की होगी समीक्षा

संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों और बीजेपी के बीच तीन दिन चलने वाली समन्वय बैठकों के दौर में पहले दिन की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ पांच मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा, मेनका गांधी, महेश शर्मा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के मंत्रालयों को लेकर चर्चा हुई.

फाइल फोटो फाइल फोटो
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के साथ-साथ अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी कमर कस ली है. सोमवार से शुरू हुई संघ की बैठक में केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी के कामकाज की समीक्षा शुरू हुई.

संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों और बीजेपी के बीच तीन दिन चलने वाली समन्वय बैठकों के दौर में पहले दिन की बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ पांच मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा, मेनका गांधी, महेश शर्मा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के मंत्रालयों को लेकर चर्चा हुई.

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अमित शाह के साथ में बीजेपी की तरफ से महासचिव रामलाल, राम माधव व विनय सहस्त्रबुद्धे मौजूद थे. वहीं संघ की तरफ से सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल व अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे. सोमवार को संघ से जुड़े हुए एबीवीपी, एकल विद्यालय, सेवा भारती, आरोग्य भारती, राष्ट्रीय सेविका समिति, विद्या भारती और संस्कार भारती आदि संगठनों ने हिस्सा लिया.

मंगलवार को इन पर होगी चर्चा

मंगलवार को दूसरे दिन इस बैठक में एयर इंडिया के विनिवेश के साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों का मुद्दा भी चर्चा में रहेगा. बैठक में मोदी सरकार की तरफ से वित्त मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु रहेंगे. वहीं बैठक में संघ से जुड़े संगठन भारतीय मजदूर संघ, किसान संघ, लघु उद्योग भारती, स्वदेशी जागरण मंच हिस्सा लेंगे.

सूत्रों के अनुसार संघ व भाजपा (सरकार सहित) के बीच इस समन्वय बैठक में चर्चा के लिए विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े समूह बनाए गए हैं. इनमें सेवा समूह, वैचारिक समूह, आर्थिक समूह, शिक्षा समूह, सामाजिक समूह, सुरक्षा समूह आदि शामिल हैं.

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सरकार की बन रही छवि से चिंतित संघ

सूत्रों का कहना है कि संघ नेतृत्व सरकार की नीतियों को लेकर तो संतुष्ट है, लेकिन उसके कामकाज को लेकर जनता में बन रही धारणा को लेकर चिंतित जरूर है. जनता के बीच सरकार की जो धारणा बन रही है, उसको बदलने के लिए संघ जून महीने के तीसरे सप्ताह से जनता के बीच सरकार के सामाजिक कार्यों का बखान अपने स्वयं सेवकों के ज़रिए करेगा.

इस सरकार का रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री मोदी के पास है, इसमें कोई शक नहीं हैं लेकिन सरकार की नीतियों और योजनाओं की समीक्षा संघ करता है ये कहना कोई अतिशयोक्ति ही होगा. मोदी सरकार की योजनाओं और नीतियों को जो भी बदलाव होते हैं वो संघ से जुड़े हुए संगठनों की ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर होते हैं. इससे पता चल सकता है कि मोदी सरकार और बीजेपी के लिए संघ का महत्व रखता है.

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