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2019 के लिए की BJP-RSS की तैयारी, सांसदों के कामकाज की समीक्षा के आधार पर मिलेगा टिकट

बीजेपी के संगठन मंत्रियों से कहा गया है कि वे पार्टी के सभी सांसदों के प्रदर्शन की समीक्षा करें और उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करें.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो PTI) आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो PTI)
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:36 PM IST

हरियाणा के सूरजकुंड में पिछले पांच दिनों से चल रहे संघ-बीजेपी की समन्वय बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. बीजेपी के संगठन मंत्रियों से कहा गया है कि वे पार्टी के सभी सांसदों के प्रदर्शन की समीक्षा करें और उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करें. इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही तय किया जाएगा कि 2019 में किस मौजूदा सांसद को टिकट दिया जाए और किसे नहीं.

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एक महीने के भीतर ही आएगी रिपोर्ट

यह बैठक 14 जून से ही चल रही है और आज इसका अंतिम दिन है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, संगठन मंत्रियों से यह कहा गया है कि इसके बारे में रिपोर्ट बनाएं कि हर सांसद ने अपने क्षेत्र में कितना काम किया है. उसका जनाधार है कि नहीं और अभी भी लोकप्रियता बरकरार है या नहीं.

यह भी देखा जाएगा कि सांसद कार्यकर्ताओं को साथ जोड़े रहता है या नहीं सबसे बड़ी बात यह है कि उसके फिर से जीतने की संभावना है या नहीं. सभी संगठन मंत्रियों से अगले एक महीने के भीतर ही रिपोर्ट देने को कहा गया है.

एक बीजेपी नेता के अनुसार इस रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि बीजेपी के कितने मौजूदा सांसदों को टिकट मिलेगा. जिन सांसदों ने अपने क्षेत्र में अच्छा काम किया है उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं. लेकिन यदि किसी सांसद के बारे में जनता में अच्छी धारणा नहीं है, तो वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो, उसे टिकट नहीं मिलेगा.

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यदि रिपोर्ट में यह पाया गया कि किसी क्षेत्र का सांसद चुनाव नहीं जीत सकता, तो संगठन मंत्री से यह कहा जाएगा कि वह ऐसे कैंडिडेट का नाम सुझाएं जो चुनाव जीत सकता है.

सूरजकुंड में तीन दिन तक पार्टी के महासचिवों की भी बैठक हुई जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि 2019 के लिए तैयारी को कैसे आगे बढ़ाया जाए और इसमें संघ प्रचारकों की क्या भूमिका हो सकती है.

सूरजकुंड बैठक में यूपी पर खास तौर से विचार किया गया. संघ ने अपने संगठन के लिहाज से यूपी को छह प्रांतों में बांट रखा है. इन सभी प्रांतों के प्रमुखों से यह रणनीति बनाने में मदद ली जाएगी कि सपा-बसपा के गठबंधन से कैसे निपटा जाए.

एक बीजेपी नेता के अनुसार इस साल बीजेपी-आरएसएस समन्वय की ऐसी कई और बैठकें होंगी. अंत में संघ के सरसंघचालक पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलकर रणनीति को अंतिम रूप देंगे.

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