
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को राज्य में लागू नहीं करने की बात कही है. इस पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उन्हें 14 साल पुराना यानी 2005 का भाषण याद दिलाया है, जो उन्होंने बतौर कोलकाता दक्षिण सांसद लोकसभा में दिया था. इस भाषण में ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को पश्चिम बंगाल के लिए आपदा करार दिया था.
संबित पात्रा ने रविवार को ममता बनर्जी का पुराना भाषण ट्वीट किया. 4 अगस्त, 2005 को कोलकाता दक्षिण की सांसद ममता बनर्जी ने लोकसभा में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि बांग्लादेशी भारतीय नामों के जरिए मतदाता सूची में दर्ज हो रहे हैं. हमारे पास बांग्लादेशी और भारतीय दोनों वोटर लिस्ट हैं. यह बहुत गंभीर मामला है. आखिर सदन में कब चर्चा होगी.
ममता बनर्जी का नाम उन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में शामिल है जिन्होंने अपने यहां नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं किए जाने की बात कही है. इन राज्यों में बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नाम शामिल हैं. ममता बनर्जी नागरिकता संशोधन कानून की धुर विरोधी रही हैं और उन्होंने एनआरसी के खिलाफ भी आवाज उठाई है. हालांकि बनर्जी ने शनिवार को उन लोगों को कड़ी चेतावनी दी जो नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर प्रदेश में हिंसा फैलाने की कोशिश में लगे हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को लोगों से विरोध जताने के लिए लोकतांत्रिक तरीकों का उपयोग करने की अपील की. साथ ही चेतावनी दी कि कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ममता ने एक बयान जारी कर कहा, "लोकतांत्रिक तरीकों से आंदोलन करें, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें. सड़कों या ट्रेन की नाकेबंदी न करें." मुख्यमंत्री ने कहा कि परेशानी पैदा करने वालों में से किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.