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जंगलमहल के जरिए बीजेपी बंगाल में कमल खिलाने की जुगत में

बीजेपी पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को राज्य के मिदनापुर में 'कृषि कल्याण समाबेश' कार्यक्रम के जरिए किसानों को संबोधित करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम ममत बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम ममत बनर्जी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को राज्य के मिदनापुर में 'कृषि कल्याण समावेश' कार्यक्रम के जरिए किसानों को संबोधित करेंगे. हालांकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दो सप्ताह पहले ही पिछले महीने 28 जून को पुरुलिया जिले में सार्वजनिक बैठक आयोजित की थी.

अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के शीर्ष नेताओं की लगातार दूसरी मीटिंग जंगलमहल क्षेत्र में होने जा रही है. पहले बीजेपी अध्यक्ष और अब पीएम मोदी की रैली का इसी क्षेत्र में होने का स्पष्ट संकेत है कि बीजेपी ने जंगलमहल क्षेत्र के जरिए बंगाल में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश में हैं. बता दें कि जंगलमहल इलाका एक दौर में माओवादियों का मजबूत गढ़ माना जाता था.

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जंगलमहल मुख्य रूप से आदिवासी बेल्ट है. इस क्षेत्र के तहत पुरुलिया, बांकुरा और पश्चिम मिदनापुर तीन जिले आते हैं. इन तीन जिलों में छह लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से कम से कम चार सीटें आदिवासी और ओबीसी बहुल हैं.

पीएम मोदी का बंगाल दौरा बीजेपी के चुनाव प्लान के तहत देखा जा रहा है. ममता बनर्जी की 21 जुलाई की रैली से पांच दिन पहले मोदी की रैली एक सोची समझी रणनीति माना जा रहा है. ममता 21 जुलाई से अपने चुनावी अभियान का आगाज माना जा रहा है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के लिए ये बड़ा झटका है. टीएमसी के मूल वोटबैंक आदिवासियों के समर्थन में बदलाव दिखा है. टीएमसी ने तीन जिलों में कम कम 34 फीसदी पंचायत सीटों को खो दिया है. यही वजह है कि ममता बनर्जी इन जिलों में पार्टी संगठन को फिर से मजबूत करने के तहत सक्रिय हो रही हैं.

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बता दें कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में इस क्षेत्र के तहत आने वाली 150 सीटें बीजेपी ने जीती, जिसके बाद टीएमसी के तीन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था. जंगलमहल में कई सफल सरकारी योजनाओं के बावजूद टीएमसी झारग्राम के कुछ आदिवासी पंचायत क्षेत्रों में नामांकन दाखिल नहीं कर सकी.

टीएमसी की कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था, 'मैं समझने में असफल रहा कि हम जंगलमहल में कुछ पंचायत सीटों में क्यों हार गए. सरकार ने इस क्षेत्र में अपने अधिकतम प्रयास किए हैं और हमने क्षेत्र में सभी के लिए 2 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति उपलब्ध कराया है. हमने इन जिलों में नई सड़कों, पुलों, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण सहित अधिकतम विकास परियोजनाओं को लागू किया.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'बीजेपी के पास मजबूत जनजातीय समर्थन आधार है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड में सरकार है. जहां तक ​​बंगाल का संबंध है, आदिवासी जनसंख्या भ्रमित है. वे सड़े हुए चावल को 2 रुपये क्यों खाते हैं?

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