
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद जारी रस्साकशी के बीच बीजेपी और शिवसेना के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. सूत्रों का कहना है कि दोनों भगवा दलों के बीच सरकार बनाने के लिए एक समझौता फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है.
बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि बीजेपी शिवसेना को कैबिनेट में 14 सीटें देना चाहती है, लेकिन शिवसेना 18 सीटों की मांग कर रही है. इसके अलावा, शिवसेना महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर भी दावेदारी ठोंक रही है. जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया है कि वे गृह और शहरी विकास जैसे प्रमुख मंत्रालयों का बंटवारा नहीं करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि हालांकि, बीजेपी फाइनेंस या पीडब्ल्यूडी जैसे मंत्रालय शिवसेना को देने पर विचार कर रही है. लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ये अहम मंत्रालय शिवसेना को न दिए जाएं.
बीजेपी ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि अगर शिवसेना चाहे तो अपने किसी नेता को डिप्टी सीएम जैसे अहम पद पर भी बैठा सकती है. 2014 में जब शिवसेना देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल हुई थी, उस समय 26:13:04 का फॉर्मूला लागू हुआ था. कैबिनेट में बीजेपी को 26 मंत्रालय, शिवसेना को 13 और अन्य सहयोगियों को 4 मंत्रालय आवंटित किए गए थे. 288 सीटों वाली विधानसभा में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं.
शिवसेना ने 21:18:04 के फॉर्मूले का प्रस्ताव दिया है, लेकिन बीजेपी कैबिनेट में इतनी सीटें देने को राजी नहीं है. दोनों पार्टियों के बीच अब भी बातचीत जारी है. शुरुआत में 1995 की तरह के फॉर्मूले का प्रस्ताव भी आया था. 1995 में शिवसेना का मुख्यमंत्री बना था, जबकि बीजेपी को उपमुख्यमंत्री पद के साथ गृह, वित्त और पीडब्ल्यूडी जैसे अहम मंत्रालय दिए गए थे. हालांकि, बातचीत की शुरुआत में ही यह फार्मूला रद्द हो गया.