
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में नामांकन के दौरान जमकर हिंसा हुई है. मंगलवार को राज्यभर में हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं और कई जिलों से विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर हमले की खबरें आई हैं.
टीएमसी नेताओं द्वारा नामांकन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले की खबरें आई हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर टीएमसी पर पलटवार की चेतावनी दी है. इससे पहले मंगलवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर के सामने ही टीएमसी कार्यकर्ता बीजेपी उम्मीदवार की पिटाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
पंचायत चुनाव से पहले मालदा जिले में अलग-अलग घटनाओं में एक राजनीतिक दल के दो धड़ों के बीच हुए संघर्ष के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दूसरा जख्मी हो गया. दोनों घटनाएं अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के उम्मीदवारों के चयन के दौरान हुईं.
पुलिस ने बताया कि कालियाचक में सोमवार को देर रात 25 वर्षीय एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वह साइकिल से जा रहा था. पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि मानिकचक इलाके में एक अन्य घटना में विरोधी धड़े के सदस्यों ने एक व्यक्ति को पीटकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया.
बीजेपी जिलाध्यक्ष की छड़ी से हुई पिटाई, दर्जनों घायल
मुर्शिदाबाद में बीजेपी जिला अध्यक्ष गौरीशंकर घोष और उनके समर्थकों को छड़ी से पीटा गया, जब वे लालबाग बीडीओ ऑफिस अपना नामांकन पत्र लेने गए थे. घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पूरे बीडीओ ऑफिस पर कब्जा जमा रखा था और विपक्षी नेताओं पर हमले कर रहे थे, उन्हें अपना फॉर्म भी कलेक्ट नहीं करने दिया. इस घटना में कम से कम एक दर्जन बीजेपी कार्यकर्ता घायल हुए हैं.
हुगली जिले में आरामबाग स्थित एसडीओ ऑफिस अपना नामांकन पत्र लेने गए बीजेपी कार्यकर्ताओं पर भी हमले की खबर है. यहां टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन्हें धकियाने के साथ जूते से भी पिटाई की है. और अधिकारियों के सामने उन्हें ऑफिस से बाहर खींच निकाला.
बीजेपी की वीरभूम जिले की इंचार्ज कलोशोना मंडल पर कथित रूप से उस समय हमला हुआ, जब वे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के दफ्तर विपक्षी नेताओं को पर्याप्त सुरक्षा न देने की शिकायत लेकर पहुंची थीं. इसी तरह की घटना बांकुरा और पूर्वी बर्दवान जिले में भी हुई है.
कूचबिहार में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआई) की उम्मीदवार कनरनी दास की भी टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से पिटाई की है. दास अपना नामांकन दाखिल करने गई हुई थी, जब उन पर हमला हुआ. घटना दिनहाता बीडीओ ऑफिस में हुई और हमले के बाद दास को दिनहाता अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
राज्यपाल से मिला बीजेपी प्रतिनिधिमंडल
हमले को देखते हुए बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट दिलीप घोष की अगुवाई में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से मिला. बीजेपी के इस दल ने पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर राज्यपाल को पत्र सौंपा.
बीजेपी ने कहा कि अगर हिंसा रोकने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो राज्य में पारदर्शी और स्वतंत्र चुनाव करा पाना असंभव है. राज्य में लोकतंत्र का मजाक बना दिया गया है. पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 9 अप्रैल है.
घोष ने मंगलवार को कहा, 'वे विपक्षी उम्मीदवारों के घर जला सकते हैं और नामांकन वापस लेने का दबाव बना सकते हैं. बंगाल की राजनीतिक सत्यता से हम वाकिफ है. और इसका सामना करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार हैं. अगर हमें पलटवार करने की आवश्यकता महसूस हुई तो हम भी ऐसा करेंगे. हमेशा पंचायत चुनाव के समय सैकड़ों लोग मरते हैं और इस साल भी कोई अलग मामला नहीं है.'
हिंसा के आरोपों को टीएमसी ने किया खारिज
दूसरी ओर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने हिंसा से जुड़े सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, 'एक खास पार्टी के नेता जिस आवाज में बात कर रहे हैं, वो बताता है कि लोकतंत्र में उनका भरोसा नहीं है.'
वहीं राज्यपाल केएन त्रिपाठी ने राज्य के चुनाव आयुक्त एके सिंह से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है. सिंह बुधवार को राज भवन जा सकते हैं.
राज्यपाल के एक्शन पर चटर्जी ने कहा, 'वो इस पोजिशन पर हैं कि किसी भी ऑफिसर को बुला सकते हैं, लेकिन जिस तरह एक खास पार्टी के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला है, ऐसे में राज्य के चुनाव आयुक्त को बुलाना अनैतिक और अवांछनीय है.'