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मास्क के जरिये तोड़ दी गई iPhone X की Face ID, सिक्योरिटी फर्म का दावा

रिसर्चर्स का कहना है कि ऐसे 3D प्रिंटेट कम्पोजिट मास्क बनाने के लिए 150 डॉलर खर्च करने पड़े हैं. इस सिक्योरिटी फर्म ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि ऐपल ने इसे ठीक तरीके से नहीं किया है. साथ ही यह भी कहा गया है, ‘Face ID को मास्क के जरिए बेवकूफ बनाया जा सकता है, यानी यह एक इफेक्टिव सिक्योरिटी मेजर्स नहीं है’

Bkav Bkav
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

टेक्नॉलॉजी दिग्गज ऐपल ने हाल ही में अपना फ्लैगशिप iPhone X लॉन्च किया है. इसकी बिक्री शुरू हो चुकी है और रिस्पॉन्स ऐसा है कि यह स्मार्टफोन आउट ऑफ स्टॉक हो गया है. इस स्मार्टफोन में वैसे तो कई खासियतें हैं, लेकिन इसमें दिया गया Face ID सबसे ज्यादा पॉपुलर हो रहा है, क्योंकि इस वजह से कंपनी ने अब फिंगरप्रिंट स्कैनर हटा दिया है. कंपनी ने लॉन्च के दौरान दावा किया था कि यह किसी मास्क या जुड़वा भाई से भी नहीं खुल सकता है.  

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Bkav नाम की वियतनाम की एक सिक्योरिटी फर्म है जिसने अपने ब्लॉगपोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में इस फर्म के एक रिसर्चर iPhone X के फेस आईडी को एक 3D मास्क के जरिए अनलॉक करते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि किसी के चेहरे का 3डी डूप्लिकेट बना कर Face ID को अनलॉक किया जा सकता है. उन्होंने iPhone X को काफी आसानी से अनलॉक कर दिया. 3D मास्क बनाने के लिए उन्होंने प्लास्टिक, सिलिकॉन, मेकअप और कुछ साधारण पेपर कट आउट का इस्तेमाल किया है.

रिसर्चर्स का कहना है कि ऐसे 3D प्रिंटेट कम्पोजिट मास्क बनाने के लिए 150 डॉलर खर्च करने पड़े हैं. इस सिक्योरिटी फर्म ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि ऐपल ने इसे ठीक तरीके से नहीं किया है. साथ ही यह भी कहा गया है, ‘Face ID को मास्क के जरिए बेवकूफ बनाया जा सकता है, यानी यह एक इफेक्टिव सिक्योरिटी मेजर्स नहीं है’

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हालांकि दूसरी सिक्योरिटी कंपनियों ने भी iPhone X में दिए गए Face ID को अनलॉक करने के लिए कई तरह के मास्क तैयार किए हैं, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली है. इसलिए Bkav सिक्योरिटी फर्म के इस वीडियो पर उनकी क्या प्रतिक्रिया आती है ये देखना दिलचस्प होगा.

Bkav सिक्योरिटी फर्म ने अपने FAQ में इस सवाल का जवाब दिया है कि दूसरी कंपनियों iPhone X का Face ID तोड़ने में क्यों नाकामयाब रही हैं. कंपनी ने कहा है कि वो लीडींग साइबर सिक्योरिटी कंपनी हैं, इसलिए ऐसा हुआ है. कहा गया है कि सिक्योरिटी की खास समझ के बिना मास्क बनाना काफी मुश्किल है.

कंपनी ने कहा है, ‘हम ऐपल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ट्रिक करने में कामयाब हैं और हमें पता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है. हमने सबसे पहले बार बताया था कि सिक्योरिटी मेजर्स के लिए फेस रिकॉग्निशन इफेक्टिव नहीं है’

फिलहाल ऐपल ने इस डेवेलपमेंट पर अभी कुछ भी नहीं कहा है, आने वाले समय में शायद कंपनी स्टेटमेंट जारी कर सकती है. क्योंकि यह बड़ा मुद्दा है.

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