
केंद्र सरकार ने विदेशी बैंकों में अवैध खाताधारकों के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसी के साथ काला धन रखने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाने की राह आसान हो गई है. एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, इनमें कई सफेदपोश नेताओं के नाम भी शामिल हैं.
'द टाइम्स ऑफ इंडिया' ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार ने विदेश में एक अवैध बैंक खाताधारक के खिलाफ कोर्ट में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. HSBC जिनेवा लिस्ट में शामिल 15-20 और लोगों पर भी जल्द नकेल कसी जाएगी. स्विस प्रशासन लिस्ट में शामिल लोगों की पहचान की पुष्टि कर चुका है. स्विस प्रशासन ने यह शर्त रखी है कि इनकी पहचान सिर्फ कोर्ट के सामने उजागर की जाए. भारत सरकार इस शर्त का पालन करेगी.
यूपीए के मंत्री का नाम लिस्ट में!
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई के साथ काला धन खाताधारकों के नामों को लेकर भी अटकलें शुरू हो गई हैं. राजनीतिक गलियारों में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक बड़े बिजनेस घराने से अच्छे संबंध वाले एक अन्य मंत्री के बेटे और एक राजनीतिक परिवार के वारिस का नाम चर्चा में है.
अहम बात यह है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यूपीए के समय के मंत्री के लिस्ट में होने की बात से इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा, 'मैं न ही इसकी पुष्टि कर रहा हूं, न ही इनकार कर रहा हूं. मैं सिर्फ मुस्कुरा रहा हूं.' एक चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'अगर मेरे (राजनीतिक) विरोधी का नाम उसमें है तो उसे मैं उत्साह से बताऊंगा.'
दिवाली बाद तेज होगी कार्रवाई की प्रक्रिया
सूत्रों ने यह भी बताया कि एक नई लिस्ट में उन 19 लोगों का नाम है जिनके लिचटेन्स्टाइन बैंक में खाते हैं. यह लिस्ट दिवाली के बाद सुप्रीम कोर्ट से साझा की जा सकती है. इससे पहले HSBC लिस्ट में करीब 20 लोगों के नाम भी सरकार को साझा किए गए हैं.
गौरतलब है कि मंगलवार को वित्त मंत्री जेटली ने कहा था कि अगर काला धन धारकों के नाम घोषित कर दिए गए तो कांग्रेस शर्मसार हो जाएगी. बुधवार को उन्होंने कहा कि अगर किसी नेता के खिलाफ काले धन का मामला अदालत में साबित होता है तो नाम सार्वजनिक किए जाएंगे.
मंत्रियों के बेटों के नाम
यूपीए के दूसरे कार्यकाल में मंत्री रहे 'आरोपी' को पूछताछ का नोटिस भेजा गया है. दिलचस्प बात यह कि माना जाता है कि उनके यूएई में भी बैंक खाते हैं. हालांकि बाद में उन्होंने दावा किया कि वह अपना स्विस खाता काफी पहले बंद कर चुके हैं.
जर्मनी और फ्रांस से मिले नामों के आधार पर सरकार अब तक 200 करोड़ रुपये जुर्माने और टैक्स के रूप में वसूल चुकी है. इनमें लिचटेन्सटाइन के एलजीटी बैंक और जिनेवा के एचएसबीसी बैंक के खाताधारक शामिल हैं. बताया जा रहा है कि दोनों बैंकों में भारत का करीब 600 करोड़ रुपया जमा है.
2011 में फ्रांस की सरकार ने एचएसबीसी बैंक के 700 भारतीय खाताधारकों के नाम भारत को सौंपे थे. वित्त मंत्रालय ने डायरेक्टोरेट ऑफ क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन (डीसीआई) को इसकी जांच का जिम्मा दिया था. 800 करोड़ से ज्यादा के मामले में डीसीआई ने कुछ शीर्ष उद्योगपतियों और नेताओं से पूछताछ की. इनमेंयूपीए-2 के एक पूर्व मंत्री का बेटा और हाल के विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखने वाले महाराष्ट्र के एक प्रभावशाली मंत्री के बेटे का नाम है.