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खुले में शौच पर उठक-बैठक करा रही बीएमसी चौतरफा आलोचना से घिरी

खुले में शौच करते लोगों से उठक-बैठक करवाने वाले बीएमसी के अभियान की कड़ी आलोचना हो रही है. हाल ही में मुंबई में आर-साउथ वार्ड के बीएमसी अधिकारियों ने कांदीवली (वेस्ट) में एक ड्राइव चलाई है. जिसके तहत खुले में शौच करते पाए गए लोगों से उठक-बैठक लगवाई जाती है.

बीएमसी ने चलाया है स्वच्छता अभियान बीएमसी ने चलाया है स्वच्छता अभियान
मोनिका शर्मा/स्वप्निल सारस्वत
  • मुंबई,
  • 05 मई 2016,
  • अपडेटेड 4:15 AM IST

खुले में शौच करते लोगों से उठक-बैठक करवाने वाले बीएमसी के अभियान की कड़ी आलोचना हो रही है. हाल ही में मुंबई में आर-साउथ वार्ड के बीएमसी अधिकारियों ने कांदीवली (वेस्ट) में एक ड्राइव चलाई है. जिसके तहत खुले में शौच करते पाए गए लोगों से उठक-बैठक लगवाई जाती है.

उठक-बैठक कराने वाला वीडियो वायरल
इस हफ्ते उठक-बैठकर करवाने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें पकड़े गए दो लोगों के चेहरे साफ दिख रहे थे. बीएमसी इस अभियान को दूसरे वार्ड में भी लागू करने की सोच रही है लेकिन उससे पहले ही इस ड्राइव पर सवाल उठने लगे हैं. बीएमसी की इस ड्राइव में जो लोग निशाने पर आ रहे हैं, वो ज्यादातर स्लम निवासी ही हैं.

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अभियान को बताया मानवाधिकारों का हनन
एक्टिविस्ट अनिल गलगली के मुताबिक ‘ये मानवाधिकारों के हनन का मामला है. ऐसी कार्यवाही में शामिल बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए. 31000 करोड़ के बजट वाली महानगर पालिका की जिम्मेदारी बनती है कि वो लोगों को टॉयलेट की सुविधा मुहैया कराए.'

स्वयंसेवी संस्थाओं ने कहा कि अगर बीएमसी सबको टॉयल मुहैया नहीं करा सकती तो इस तरह लोगों के आत्म-सम्मान से खिलवाड़ भी नहीं कर सकती. वरिष्ठ वकील आभा सिंह ने भी बीएमसी के इस अभियान की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सफाई की सुविधा उपलब्ध कराना सरकार का काम है और नाकामी पर सरकारी कर्मचारियों को सजा मिलनी चाहिए.

अभियान पर उठ रहे हैं सवाल
माना जा रहा है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बीएमसी ने ये ड्राइव चलाया है. गौरतलब है कि मुंबई की आधी से ज्यादा आबादी स्लम में रहती है. सवाल उठ रहे हैं कि अगर बीएमसी वाकई चाहती है कि शहर साफ-सुथरा रहे तो वो पहले पर्याप्त पब्लिक टॉयलेट मुहैया क्यों नहीं कराती? एक मसला इस ड्राइव की कानूनी वैधता का भी है. आलोचका का पूछना है कि आखिरकार कौन सा कानून बीएमसी को लोगों को ऐसे सरेआम जलील करने की इजाजत देता है?

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